शिल्पा शेट्टी अपने फिटनेस जुनून को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उन्होंने एक कठिन आसन कर अपने प्रशंसकों और योगा प्रेमियों को हैरत में डाल दिया।
देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, जेईई मैन, ऑफ लाइन अर्थात् पेपर और पेंसिल फॉर्मेट में 2 अप्रैल, 2017 को आयोजित की गई है जबकि ऑनलाइन मोड में यह परीक्षा 8 और 9 अप्रैल, 2017 को आयोजित की जायेगी। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड देशभर में यह परीक्षा आयोजित करेगा। 12 लाख से अधिक छात्र अपने सपने के इंजीनियरिंग कालेज में सीट सुनिश्चित करने के लिए इस प्रतियोगिता में बैठेंगे।
दुनिया का सबसे ताकतवर ओहदा संभालने के बाद अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया की नजर डोनाल्ड ट्रंप पर है। 20 जनवरी को दफ्तर संभालने के बाद ट्रंप ने ओबामा के कई अहम फैसलों को पलटा है। इसके बावजूद चुनाव प्रचार के दौरान किए दावों पर खरा उतरना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और सुधारों को आगे बढ़ाने का संकेत देते हुये आज कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रहित में कठिन फैसले लेने से नहीं हिचकिचायेगी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी कुछ समय की परेशानी है।
भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि फिनिशर का काम सबसे कठिन है और ऐसा मुकम्मिल खिलाड़ी तलाशना कठिन है जो निचले क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी करके टीम को जीत तक ले जाये।
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने कहा कि ब्राजील की विसेंटे लोहाइनी ने उसे पहले दौर में चौंका दिया और बड़े टूर्नामेंटों में पहला दौर हमेशा कठिन होता है। साइना ने जीत के बाद कहा , पहला दौर हमेशा कठिन होता है। मैं आज हैरान रह गई।
अश्विन ने कहा, जिस समय हम क्रीज पर उतरे उस समय हमारी टीम की हालत अच्छी नहीं थी और यह बहुत अच्छी पिच नहीं थी। ऐसी पूरी संभावना थी कि आप कभी भी चकमा खा सकते थे या आपके सामने किसी भी समय एक अच्छी गेंद आ सकती है। यहां रन बनाना आसान नहीं था।
भारत के तीन सदस्यीय मुक्केबाजी दल को शनिवार से यहां शुरू हो रही ओलंपिक की इस स्पर्धा में कड़ी चुनौती मिलेगी लेकिन उनका इरादा भारत में लंबे समय से चली आ रही प्रशासनिक अस्थिरता से त्रस्त हो चुके खेल का पुनरोत्थान करना है। शिव थापा (56 किलो), मनोज कुमार (64 किलो) और विकास कृष्ण (75 किलो) ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारतीय चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना है कि ‘लालकृष्ण आडवाणी देश के प्रधानमंत्री बन सकते थे। लेकिन जब समय आया, तो उन्होंने इस पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का नाम आगे कर दिया।’ स्वामीजी ने 32 वर्षों तक आडवाणी के सहायक रहे विश्वंभर श्रीवास्तव की आत्मकथा जैसी पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में यह बात कही।