लोग अपनी गर्लफ्रेंड का किस पाने के लिए क्या-क्या जतन नहीं करते। एक बार उसके अधर चेहरे को छू जाएं इसके लिए नए-नए विचार अपनाते हैं। लेकिन फरहान अख्तर इन सबसे अलग हैं। वह एक कुत्ते को अपने चेहरे की ओर आकर्षित करने के क्या-क्या जतन करते रहे।
युवाओं की पसंदीदा फिल्म कल हो न हो की लोकप्रियता इतने सालों बाद भी कायम है। इस फिल्म के प्रसिद्ध शीर्षक गाने पर जर्मनी के राजदूत माइकेल स्टाइनर, उनकी पत्नी एलीस स्टाइनर और भूतपूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अभिनय किया है।
जोया अख्तर की बहुप्रतीक्षित फिल्म दिल धड़कने दो के बुधवार रात यहां जारी हुए ट्रेलर की रिषि कपूर, करण जौहर और श्रीदेवी जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने सराहना की है।
विश्व कप ट्रॉफी वितरण समारोह से मुस्तफा कमाल को क्यों हटाया गया? आइसीसी ने यह फैसला क्यों किया इस पर कई तरह की बातें सामने आ रह़ी हैं। आइसीसी के सूत्रों का कहना है कि मुस्तफा कमाल विश्व कप के पुरस्कार वितरण समारोह का हिस्सा थे लेकिन मैच अधिकारियों की ईमानदारी पर सवाल उठाने और अपने बयान पर बने रहने के कारण उन्हें इस समारोह से हटाया गया।
आइसीसी के प्रेसीडेंट मुस्तफा कमाल के इस्तीफा देने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। वह इस बात से नाराज थे कि वर्ल्ड कप क्रिकेट ट्रॉफी उनके बदले आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने विजेता टीम को सौंपी।
पिछले कुछ अरसे से आइसीसी में भारत का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। क्रिकेट के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास अथाह पैसा। भारत में क्रिकेट में ढेर सारा काला धन और सटोरियों का पैसा लगा है। मैच फिक्सिंग और उसके पैसे की जड़ें भी भारत में ही हैं।
विश्व कप विजेता को टॉफी प्रदान करने का मौका नहीं दिये जाने को अपने संवैधानिक अधिकार का हनन बताते हुए मुस्तफा कमाल ने आज आसीसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।