केरल के कोट्टायम में ताझाथानगेडी में अपनी वास्तुकला और काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध एक हजार साल पुरानी मस्जिद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
जल पुरुष के नाम से विख्यात, पानी के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले स्कॉटहोम वाटर और मैगसायसाय अवॉर्ड से नवाजे गए राजेंद्र सिंह का मानना है, देश में पानी की कमी राजनेताओं की देन है और सामुदायिक विकेंद्रीय जल प्रबंधन से हालात सुधारे जा सकते हैं। आउटलुक के साथ उन्होंने पानी की समस्या और समाधान पर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश:
जर्मनी में अंधेरी-हिल्फे संगठन की 90 वर्षीय संस्थापक रोजी गोलमान को वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन्स प्राइज के लिए नामांकित किया गया है। लाखों बच्चे मिलकर इस पुरस्कार के विजेता का चुनाव करेंगे जिसे पूरी दुनिया की मीडिया द्वारा चिल्ड्रेंस नोबल प्राइज कहा जाता है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बोर्ड को नया प्रमुख मिल गया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने इस पद के लिए वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय के नाम की घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसे राजनैतिक उठापटक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
इस बार के राष्ट्रीय पुरस्कारों में अलग हट कर बनी फिल्मों ने बाजी मारी है। दम लगा के हाईशा, पीकू और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स का पुरस्कारों की सूची में तीन महत्वपूर्ण स्थान लेना दिखाता है कि ‘ऑफ बीट’ सिनेमा का दम अब तक बरकरार है।
`न्यू डेल्ही टेलीविजन (एनडीटीवी)’ के एक्जीक्यूटिव को-चेयरपर्सन डॉक्टर प्रणव रॉय को प्रतिष्ठित `लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सेलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एकेडेमिक्स एंड मैनेजमेंट- 2015’ से नवाजा गया है। `लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ का यह पुरस्कार सोमवार को आयोजित समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. एन. खरे ने प्रदान किया। पुरस्कार के तहत उन्हें पांच लाख रुपए की राशि, एक अभिनंदन पत्र और स्मृति फलक प्रदान किए गए। इस मौके पर डॉ. प्रणव रॉय ने कहा, `सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि वह मानहानि के कानून को कड़ाई से लागू करे। मानहानि के मामले वर्षों चलते रहते हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे मामलों पर त्वरित सुनवाई की जाए।’
कपूरथला के अहलूवालिया राजवंश के वशंज टिक्का शत्रुजीत सिंह को फ्रांस का प्रतिष्ठित नाइट ऑफ लीजन ऑफ ऑर्नर से सम्मानित किया गया है। उन्हें फ्रांस की जीवन शैली और भारतीय संस्कृति के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण योगदान दिए जाने के लिए यह सम्मान मिला है।
पांच नामांकनों और 23 साल बाद लियोनार्ड डीकैप्रियो ने आखिरकार ऑस्कर का खालीपन तोड़ते हुए द रेवेनैंट में भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम कर लिया।