महिलाओं की जिंदगी में सोलहवां साल बहुत ही खास होता है उसी तरह इस सहस्राब्दी का यह सोलहवां साल भी बहुत खास है। सेना से लेकर हर जगह पर महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक महिला नेत्रियों की ताकत लगातार बढ़ रही है।
बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में अपने शुरू किए गए अखबार नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों से एक बार कहा था, हमें बनियागिरी नहीं आई। यदि सुब्रह्मण्यम स्वामी की कोशिशें सिरे चढ़ीं तो माना जाएगा कि शायद नेहरू के उत्तराधिकारी इस कला को सीख चुके हैं।
जल्द ही करण ग्रोवर की हेट स्टोरी 3 फिल्म आने वाली है। बिपाशा चाहती हैं की यह फिल्म बहुत सफल हो। यह वही करण हैं जिन्होंने जॉन अब्राहम के बेवफा होने के बाद उन्हें अपना कंधा मुहैया कराया था।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने एक दिवसीय मैचों से बैटिंग पावरप्ले भले ही हटा दिया हो, ललित मोदी कांड के बाद लगातार रहस्योद्घाटनों से लगता है कि भारतीय क्रिकेट में पावर प्ले और मनी प्ले यानी राजनीति और धन के गठजोड़ का वर्चस्व अपूर्व है। इसमें अपनी करतूतों के कारण विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जनमत में धुनाई के बाद अब वित्त मंत्री की बारी है।
करीब 42 सालों से जिंदा लाश की तरह केईएम अस्पताल के वॉर्ड नंबर 4 में भर्ती अरुणा शानबाग की मौत हो गई। तीन दिन पहले उन्हें निमोनिया के चलते आईसीयू में रखा गया था।