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एटीएम में पैसे ही नहीं हैं कहां से निकालेंगे लोग 10000

एटीएम में पैसे ही नहीं हैं कहां से निकालेंगे लोग 10000

आरबीआई ने एटीएम से निकलने वाले रुपयों की सीमा बढ़ा दी है। अब हर रोज 4,500 की जगह 10,000 रुपये एटीएम से निकाल सकेंगे। आश्‍चर्य यह है कि रुपए निकालने की सीमा तो बढ़ा दी गई, लेकिन देश के अधिकतर एटीएम या तो खराब पड़े हैं या फिर उनमें रुपये ही नहीं हैं।
भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी के बाद ग्रामीण लोगों के जीवन पर व्‍यापक असर पड़ा है। अक्टूबर 2014 में आदर्श ग्राम योजना के तहत देशभर के सांसदों ने जिन गांवों को गोद लेेकर विकास कराने का जिम्‍मा लिया वहां भी बैंकों का अभाव है। नतीजा नोटबंदी के बाद आदर्श गांवों के ग्रामीण्‍ा लोगों को बैंकों के लिए भटकना पड़ रहा है। आश्‍चर्यजनक तथ्‍य यह है कि भाजपा सांसदों के गोद लिए गांवों में बैंक नहीं होने की वजह से ग्रामीण अपनी नकदी को लेकर खासे परेशान हैं।
राहुल विदेश में कहां चार्ज होने गए हैं, कोई बताए और ले जाए 1 लाख : भाजपा नेता

राहुल विदेश में कहां चार्ज होने गए हैं, कोई बताए और ले जाए 1 लाख : भाजपा नेता

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी जब देश से बाहर जाते हैं तब कुछ न कुछ विवाद सामने आ जाता है। इस बार मध्य प्रदेश भाजपा के एक नेता ने राहुल गांधी का पता बताने वाले को एक लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा कर डाली है। उन्‍होंने राहुल की विदेश यात्रा पर सीधे तौर पर सवाल उठाया है।
शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्‍ट्र में शिवसेना की स्‍थापना की थी। उन्‍होंने उस वक्‍त वादा किया था कि दल का उद़देश्‍य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्‍थापना के अपने स्‍लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्‍थापित किया है।
अगस्तावेस्टलैंड की गंंगा कहां तक जाती है, इसका पता लगा रहे हैं : पर्रिकर

अगस्तावेस्टलैंड की गंंगा कहां तक जाती है, इसका पता लगा रहे हैं : पर्रिकर

विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए रक्षा मंत्राी मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा कि तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड को हेलीकाप्टर का ठेका देने के लिए हर तरह की रियायत दी और पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी, गौतम खेतान तो बहती गंगा में हाथ धोने वाले छोटे नाम है, हम बड़े नामों का पता लगा रहे हैं जिन्होंने रिश्वत ली।
चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

सीताराम, राधेश्याम, लक्ष्मीपति विष्‍णु, शिव-पार्वती की जयकार के साथ धर्म ध्वजा फहराने वाले धर्मगुरु, नेता, समाजसेवी की आवाज अहमदाबाद-पुणे में क्यों नहीं सुनाई दी? ब्रह्मांड न सही, विश्व हिंदू परिषद के गरजने वाले नेता तिलक और कमंडल के साथ मातृशक्ति के लिए मैदान में ‘संकीर्ण’ और सत्ता व्यवस्‍था के समक्ष खड़े क्यों नहीं दिखाई दिए?
अटाली की औरतें नहीं जानती कि उनके बच्चे कहां पैदा होंगे

अटाली की औरतें नहीं जानती कि उनके बच्चे कहां पैदा होंगे

बीस साल की सहरुमा पेट से है। नवां महीना जारी है। उसके पास न तो जच्चा-बच्चा कार्ड और न ही उसे पता है कि बच्चे की पैदाइश कहां हो सकेगी। पिछले चार महीनों से उसने डॉक्टर के यहां कोई चेकअप भी नहीं करवाया है। सहरुमा फरीदाबाद के गांव अटाली के उस अल्पसंख्यक पीड़ित समुदाय से है जिन्हें सांप्रदायिक हिंसा के चलते चार महीने पहले अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा था। फरीदाबाद के अटाली में हालात जस के तस हैं। जिन 175 परिवारों ने गांव छोड़ा था उनके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि लगभग चार महीने पहले अटाली गांव में मस्जिद बनाने के विवाद पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
कहां पहुंची नेपाल में संविधान निर्माण की राजनीति

कहां पहुंची नेपाल में संविधान निर्माण की राजनीति

नेपाल में भूकंप के बाद संविधान निर्माण की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न दलों के प्रयासों में गंभीरता और तेजी तो आई, लेकिन अभी कुछ मसले अटके हुए हैं। इन्हें पाटने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हुआ है। इस संदर्भ में विदेश मंत्रालय ने नेपाल और भारत में प्रमुख नेपाली राजनीतिक दलों के चुनिंदा नेताओं से बातचीत का क्रम शुरू कर दिया है।
सरकार को नहीं पता कहां है दाऊद इब्राहिम

सरकार को नहीं पता कहां है दाऊद इब्राहिम

अंतरराष्ट्रीय माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम कहां है इसको लेकर सरकार ने संसद में अजीबोगरीब बयान दे डाला। मंगलवार को संसद में एक सांसद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा कि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि दाऊद कहां है।
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