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अपराध की श्रेणी में आ सकता है डोपिंग, दोषियों को जेल संभव

अपराध की श्रेणी में आ सकता है डोपिंग, दोषियों को जेल संभव

भारतीय खेलों में डोपिंग के बढ़ते चलन से चिंतित खेल मंत्रालय इसे अपराध की श्रेणी में लाने पर सहमति बनाने की कोशिश में जुटा है जिसके तहत दोषी खिलाड़ियों और कोचों को जेल की सजा भी हो सकती है। इसके लिए जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में मौजूदा कानूनों पर गौर किया जा रहा है।
अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर 24 अप्रैल को 44 बरस के हो गए और दुनिया भर से उन्हें बधाई का सिलसिला जारी रहा। तेंदुलकर की पूर्व आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस सोमवार शाम उनके जन्मदिन का जश्न मनायेगी।
मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
लोन डिफॉल्टर माल्या लंदन में गिरफ्तार, चंद घंटे बाद जमानत पर रिहा

लोन डिफॉल्टर माल्या लंदन में गिरफ्तार, चंद घंटे बाद जमानत पर रिहा

भारत में भगोड़ा घोषित विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में नयी दिल्ली के प्रत्यर्पण आग्रह पर मंगलवार को स्कॉटलैंड यार्ड ने लंदन में गिरफ्तार कर लिया, लेकिन चंद घंटे बाद उसे जमानत मिल गई। शराब कारोबारी माल्या भारत में रिण डिफॉल्ट मामले में वांछित है।
फेरा उल्लंघन मामले में माल्या के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट

फेरा उल्लंघन मामले में माल्या के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट

दिल्ली की एक अदालत ने उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ फेरा उल्लंघन मामले में कथित रूप से सम्मन से बचने के लिए बुधवार को एक गैर जमानती वारंट जारी किया है जिसकी तामील की कोई तारीख नहीं है।
क्या जर्मनी से आए हैं तरुण विजयः खड़गे

क्या जर्मनी से आए हैं तरुण विजयः खड़गे

भाजपा नेता तरुण विजय की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने लोक सभा में भारी हंगामा किया। स्वयं कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि क्या दक्षिण भारत में रहने वाले लोग इस देश के नागरिक नहीं हैं। क्या हम भारतीय नहीं हैं। विजय क्या जर्मनी से आए हैं। वो क्या हिटलर के वंशज हैं।
क्या भाजपा और संघ के सदस्यों को ही भारतीय मानते हैं तरुण विजयः चिदंबरम

क्या भाजपा और संघ के सदस्यों को ही भारतीय मानते हैं तरुण विजयः चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज भाजपा नेता तरुण विजय के दक्षिण भारतीय लोगों पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या भाजपा और आरएसएस के सदस्य ही भारतीय हैं।
दक्षिण भारतीयों के बारे में नस्‍लीय टिप्‍पण्‍ाी कर फंसे तरुण विजय

दक्षिण भारतीयों के बारे में नस्‍लीय टिप्‍पण्‍ाी कर फंसे तरुण विजय

भाजपा नेता तरुण विजय दक्षिण इस टिप्‍पणी के कारण विवाद में आए हैं कि अगर हम नस्लीय होते तो दक्षिण भारतीयों के साथ क्यों रहते?
‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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