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कुपोषण के कारण होने वाली मौतें के लिए अध्ययन कराए महाराष्ट्र सरकार: बॉम्बे हाईकोर्ट

कुपोषण के कारण होने वाली मौतें के लिए अध्ययन कराए महाराष्ट्र सरकार: बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र सराकर से बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या सरकार ने किसी विशेषज्ञ संस्था या संगठन द्वारा...
दिया मिर्जा बनी सेव द चिल्ड्रन की आर्टिस्ट अंबेसडर

दिया मिर्जा बनी सेव द चिल्ड्रन की आर्टिस्ट अंबेसडर

बॉलीवुड अदाकारा और पूर्व मिस एशिया पेसिफिक दिया मिर्जा ने अपने जन्मदिन के खास मौके पर बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने का फैसला किया है। दिया मिर्जा अब ‘सेव द चिल्ड्रन’ के लिए बतौर आर्टिस्ट अंबेसडर बन कर बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी आवाज बुलंद करेंगी।
मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
मध्य प्रदेश में 116 बच्चों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

मध्य प्रदेश में 116 बच्चों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले पांच महीनों में मध्य प्रदेश के शेओपुर जिले में कुपोषण संबंधी बीमारियों के कारण 116 बच्चों की मौत की खबरों पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
महाराष्ट्र के मंत्री कुपोषण से बच्चों की मौत पर बोले, होने दो मौतें

महाराष्ट्र के मंत्री कुपोषण से बच्चों की मौत पर बोले, होने दो मौतें

महाराष्ट्र के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा ने कुपोषण से हुई बच्‍चों की मौत पर लापरवाही भरा बयान दिया है। उन्‍होंन कहा है कि 'कुपोषण से 600 बच्चों की मौत हुई हैं तो होने दो।' ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान आने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सीएम से उन्हें मंत्रिमंडल से निकालने की मांग की है।
कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

‘ एक आदमी के लिए सात किलो चावल और दो किलो चना, क्या इससे गरीबी दूर होती है?’ कोंडागांव के नगरी संभाग के गांव उमर का सुखदेव यह सवाल करते हुए रुआंसा हो जाता है। उसकी पत्नी और तीन बच्चे खेत में मजदूरी करने गए हैं। सौ रुपये दिहाड़ी मिलती है और जंगल से मिलने वाली साग-भाजी तो अब पहले जैसी नहीं रही। सुखदेव का कहना है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। लेकिन सरकार ने सिर्फ साइकिल देकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी। उसकी छोटी बेटी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गई थी तो स्कूल वालों ने तीसरी बार एडमिशन देने से इनकार कर दिया।
दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फरमान जारी किया कि मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ बच्चों को दूध दिया जाए ताकि कुपोषण दूर कर सेहतमंद बनाया जा सके। लेकिन हफ्ते में एक दिन दूध देने से क्या कुपोषण की समस्या दूर हो पाएगी इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि हफ्ते में एक दिन दूध वह भी कई स्कूलों में नहीं मिल रहा है तो कई जगह खराब मिल रहा है।
कांग्रेस ने मोदी मॉडल के दावों की खोली पोल

कांग्रेस ने मोदी मॉडल के दावों की खोली पोल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन दावों की पोल खोली है जिसमें उन्होने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात के विकास मॉडल को सर्वेश्रेष्ठ बताया था। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक सरकारी सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्‍थ्य के मामले में किस तरह से गुजरात पिछड़ा हुआ है इसकी चर्चा कभी नहीं हुई। रमेश ने कहा कि मोदी मॉडल के जिस गुजरात को लेकर पूरी दुनिया में ढिढोंरा पीटा गया उसका असली सच क्या है।
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