आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करके लौटे कुलदीप यादव का कहना है कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला, खासकर कोच अनिल कुंबले, कप्तान विराट कोहली और आखिरी टेस्ट में कार्यवाहक कप्तान अंजिक्य रहाणे उनकी काफी हौसलाअफजाई की।
चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने अपने पहले टेस्ट में ही शानदार गेंदबाजी की। आज से धर्मशाला में शुरू हुए चौथे टेस्ट के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने अपने सारे विकेट गंवाकर 300 रन बनाए। भारत की ओर से कुलदीप ने चार, उमेश यादव ने दो, भुवनेश्वर कुमार, रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने एक-एक विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से कप्तान स्मिथ ने 111 रनों की शानदार पारी खेली। इनके अलावा डीए वार्नर (56) और एमएस वेड (57) ने अर्द्धशतक लगाया। खेल समाप्त होने तक भारत ने पारी तो शुरू की पर एक ओवर की बैटिंग में कोई रन नहीं बनाए। इस समय मुरली विजय और लोकेश राहुल बल्लेबाजी कर रहे हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में संभालने वाले लाल बहादुर शास्त्री के निधन को 51 साल हो गए हैं, पर उनके परिवार के कुछ सदस्यों को आज भी संदेह है कि उनकी मृत्यु प्राकृतिक नहीं थी। ऐसे में शास्त्री जी के परिजनों को उनके साथ गए सहयोगियों द्वारा ताशकंद समझौते के विवरणात्मक तथ्यों को एक बार अवश्य देख लेने की आवश्यकता है।
भारत की महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती टीम के कोच कुलदीप मलिक ने भले ही रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक की सफलता में अहम भूमिका अदा की हो लेकिन उन्हें अभी तक कोई नकद पुरस्कार या सम्मान नहीं मिला है। साक्षी के साथ रियो खेलों से लौटने के बाद हरियाणा सरकार ने उन्हें बहादुरगढ़ में सम्मान समारोह में 10 लाख रूपये के चेक की एक फोटोकॉपी भेंट की थी लेकिन एक महीने बाद साई कोच को अभी तक असली चेक नहीं मिला है।
कुलदीप बिश्नोई के नेतृत्व वाली हरियाणा जनहित कांग्रेस का आज सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया गया। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की गैर मौजूदगी अपने आप में काफी कुछ कह रही थी।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बारे में एक विवादित बयान देने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा के बदायूं जिलाध्यक्ष कुलदीप वार्ष्णेय को शनिवार को पार्टी की जिला इकाई से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।
प्रसिद्ध पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नायर ने बहुत पहले यह कानूनी लड़ाई लड़ी थी कि संसद के उच्च सदन में मूलतः संबंधित प्रदेश के नेता को ही चुने जाने का प्रावधान हो। श्री नायर यह लड़ाई जीत नहीं सके, लेकिन विभिन्न प्रदेशों के लोग, प्रादेशिक नेता और कार्यकर्ता बाहरी नेताओं को फूलमालाएं पहनाने और जय-जयकार करने के बाद भी मन से दुःखी और दर्द झेलते रहे। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी द्वारा असम की अनदेखी तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप राजनीतिक होने के बावजूद सही हैं।