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Search Result : "कृष्ण कुमार"

स्टिंग में घूस लेते दिखे मंत्री, नीतीश ने लिया इस्‍तीफा

स्टिंग में घूस लेते दिखे मंत्री, नीतीश ने लिया इस्‍तीफा

एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्‍वत लेते दिखाए जाने के बाद बिहार के नगर विकास मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्‍तीफा ले लिया है। बिहार में पहले चरण के मतदान से ठीक पहले मंत्री का स्टिंग सामने अाने से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इस मोर्च पर तो नीतीश सरकार ने कमाल कर दिखाया

इस मोर्च पर तो नीतीश सरकार ने कमाल कर दिखाया

अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने छोटे बच्चों में पूर्ण टीकाकरण को 18.6 फीसदी से 70 फीसदी तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। यह देश के औसत के बराबर है।
अरुणाचल में राजनीतिक भूचाल, चार मं‌त्रियों को हटाने की सिफारिश

अरुणाचल में राजनीतिक भूचाल, चार मं‌त्रियों को हटाने की सिफारिश

नेतृत्व के मुद्दे पर राजनीतिक उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे अरुणाचल प्रदेश को बुधवार एक और झटका लगा, जब मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा से चार वरिष्ठ मंत्रिायों को मंत्रिमंडल से हटाने की सिफारिश की।
अंतहीन छटपटाहटों का कवि

अंतहीन छटपटाहटों का कवि

अनिल कार्की विकल, विकट और अंतहीन छटपटाहटों का कवि है। ये मनुष्यि से आगे एक विचारवान मनुष्या होने की छटपटाहटें हैं, जो उसे समय में आगे-पीछे ले जाती रहती हैं। अनिल के पास विचार है और उसे वह दिमाग के किसी कोने में पस्त नहीं पड़े रहने देता।
नहीं चमक सका रफ्तार सिंह

नहीं चमक सका रफ्तार सिंह

इस फिल्म का नाम सिंह इज ब्लिंग की बजाय सिंहनी इज ब्लिंग होना चाहिए। अगर फिल्म की दो सिंहनियों, सारा (एमी जैक्सन) और ऐमिली (लारा दत्ता) को निकाल दिया जाए तो इस 140 मिनट की फिल्म को 40 मिनट झेलना भी मुश्किल होगा।
घोषणा नहीं केवल विजन है भाजपा का

घोषणा नहीं केवल विजन है भाजपा का

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में घोषणापत्र जारी करने के बजाय विजन के जरिए बिहार के विकास के लिए उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की। विजन डाक्यूमेंट में भाजपा ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन बिहार व डिजिटल इंडिया पर जोर दिया है। इसके साथ ही लैपटाप, स्कूटी व रंगीन टीवी बांटने पर भी इस डाक्यूमेंट में जोर दिया गया है। लेकिन यह विजन क्या बिहार की जनता को लुभा पाएगी इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक संशय ही जताते हैं।
टिकटों के बंटवारे में विकास पर हावी सामाजिक समीकरण

टिकटों के बंटवारे में विकास पर हावी सामाजिक समीकरण

दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों की सूची देखने से साफ लगता है कि विकास के दावे और वादे नेपथ्य में चले गए हैं। उसकी जगह सामाजिक समीकरण के मद्देनजर जिताऊ कहे जा सकनेवाले उम्मीदवारों ने ले ली है। महागठबंधन ने जहां अपने मंडल या कहें सामाजिक न्याय के सिद्धांत को सामने रखकर पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों पर भरोसा किया है तो भाजपा और उसके गठबंधन ने सर्वाधिक सीटें अपने सवर्ण जनाधार को ध्यान में रखकर बांटी है।