आम आदमी पार्टी :आप: ने लगातार तीन चुनाव में हार के बाद पार्टी के मिशन विस्तार में फौरी तौर पर बदलाव किया है। आप नेतृत्व ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में उम्मीद के विपरीत मिले परिणाम की समीक्षा में पार्टी के मिशन विस्तार से केजरीवाल सरकार को दूर रखने और ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे को उठाने की रणनीति में बदलाव किया है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम पर अपना हमला जारी रखते हुए उन्हें सूक्ष्म दृष्टि वाला बताया और कहा कि इन्हें अमेरिका ने भारत पर थोपा है।
आंगन के पार पूरब में कमरे थे, कमरों के पार दालान। दालान के पार रास्ता था, रास्ते के पार आंवला, कनेर और बेल के पेड़ थे, फिर मेड़ की आड़। आड़ के पार पोखर था जिसके जल में आसमान में उगता गोल और सुर्ख सूरज टलमल करता था। पोखर के पार दादा जी (छोटे बाबा) की कुटी थी जिसमें एक कमरे के ऊपर उजियार कमरा था और नीचे अंधेरा तहखाना। कुटी के पार आमों के बाग थे, बाग के पार दूर तक खेत-सरेह। दूर सरेह के पार बडक़ी नहर की आड़ दिखती थी। लेकिन इस सुदूर विस्तार में हजारों, सैकड़ों या बीसियों तक क्या, इक्का-दुक्का भी समवेत योग नहीं होता था।
आप में चल रही आंतरिक कलह के बीच पार्टी के राजनीतिक विरोधियों ने आज कहा कि पार्टी का यह दावा कि वह अलग तरह का दल है गलत साबित हो गया है। विपक्षियों का कहना है कि वह भी किसी भी अन्य राजनीतिक संगठन की तरह व्यक्ति केन्द्रित संचालन से जूझ रही है।