पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मोदी सरकार के जमाने में भारत रत्न मिल रहा है। मोदी सरकार ने वाजपेयी का नाम भारत रत्न के लिए क्यों चुना इस पर कई मत हैं। लेकिन इतना तय है कि मोदी, वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं और कई मामलों में तो उनकी नकल भी करने की कोशिश करते हैं। एक ही विचारधारात्मक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खांचे से ढलकर निकलने के बावजूद दोनों के व्यक्तित्व के डिजाइन अलग हैं। देखिए:
फॉर्चून पत्रिका ने विश्व के 50 महानतम नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी को शामिल किया है।
फॉर्चून ने व्यवसाय, सरकार एवं परोपकार के क्षेत्र में बदलाव करने वाले असाधारण पुरषों एवं महिलाओं की इस वर्ष की अपनी वार्षिक सूची में प्रधानमंत्री मोदी को पांचवें और सत्यार्थी को 28वें स्थान पर जगह दी है।
बीते बारह सालों में भारतीय राजनीति में बड़ा उतार-चढ़ाव रहा है। साल 2002 की अगर बात करें तो केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।