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Search Result : "क्यों होती है लड़ाई"

अखिलेश ने भाजपा को ललकारा, बोले- ‘सीधे चुनाव लड़ने से क्यों बच रहे हैं भाजपा नेता’

अखिलेश ने भाजपा को ललकारा, बोले- ‘सीधे चुनाव लड़ने से क्यों बच रहे हैं भाजपा नेता’

अखिलेश ने कहा कि हमारे एमएलसी को ‘प्रसाद’ देकर भाजपा ने अपने दायरे में ले लिया, न जाने कौन सा ‘प्रसाद’ देते हैं भाजपा वाले।
आसाराम मामले में SC ने लगाई गुजरात सरकार को फटकार, पूछा- 'मामले की सुनवाई में देरी क्यों?'

आसाराम मामले में SC ने लगाई गुजरात सरकार को फटकार, पूछा- 'मामले की सुनवाई में देरी क्यों?'

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नाबालिग से रेप मामले में जेल में बंद आसाराम बापू के केस में गुजरात सरकार को फटकार लगाई है।
हरियाणा के डेरे में, कानून क्यों नदारद?

हरियाणा के डेरे में, कानून क्यों नदारद?

डेरा में सेना के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती थी, जिसके विरुद्ध भारतीय सेना ने 2010 में एडवाइजरी जारी की। इस मामले पर पंजाब-चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने 2014 में सुनवाई की जहाँ हरियाणा सरकार ने डेरा को क्लीन चिट दे दी।
'मोदी सरकार बुलेट ट्रेन के लिए कर्ज ले सकती है, तो रेलवे सुरक्षा का प्रबंध क्यों नहीं कर सकती'

'मोदी सरकार बुलेट ट्रेन के लिए कर्ज ले सकती है, तो रेलवे सुरक्षा का प्रबंध क्यों नहीं कर सकती'

सुरजेवाला ने कहा कि पीएम मोदी या तो सुरेश प्रभु के इस्तीफे की पेशकश को स्वीकार कर लें या उन्हें पद से हटा दें।
सुप्रीम कोर्ट ने BCCI से पूछा, अब तक लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू क्यों नहीं हुईं?

सुप्रीम कोर्ट ने BCCI से पूछा, अब तक लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू क्यों नहीं हुईं?

कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
विशाल सिक्का को क्यों छोड़नी पड़ी इंफोसिस, उनके इस्तीफे से जुड़ी 5 खास बातें

विशाल सिक्का को क्यों छोड़नी पड़ी इंफोसिस, उनके इस्तीफे से जुड़ी 5 खास बातें

विशाल सिक्का को आखिरकार इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह एकाएक हुआ हो ऐसा नहीं है। इस्तीफे को लेकर कई अहम बातें सामने आई हैं।
आखिर क्यों खाएं, ‘बरेली की बर्फी’

आखिर क्यों खाएं, ‘बरेली की बर्फी’

हंसाना दुनिया का सबसे कठिन काम है। लव स्टोरी में तो सच में बहुत कठिन। लेकिन तिवारी दंपती ने मिल कर बहुत सारे चेहरों पर मुस्कान ला दी है। मीठी-मीठी बर्फी सही जम गई है, भाईसाब!