चर्चाः लाट साहब को नेक सलाह | आलोक मेहता
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बहुत सुलझे हुए अनुभवी और योग्य राजनेता हैं। इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी तक के सत्ता काल में उन्होंने केंद्र-राज्य संबंधों एवं राज्यपालों की भूमिका को जाना-परखा है। इस दृष्टि से मंगलवार को श्री मुखर्जी ने राज्यपालों के सम्मेलन में किसी का नाम लिए बिना नेक सलाह (निर्देश भी संभव) दी कि ‘संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को संविधान की पवित्रता को अक्षुण्ण रखना चाहिए।’