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मैगी पर हरकत में केंद्र, विज्ञापनों पर हो सकती है कार्रवाई

मैगी पर हरकत में केंद्र, विज्ञापनों पर हो सकती है कार्रवाई

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण इस मामले को देख रहा है और वह कार्रवाई करेगा।
साल पूराः अब अच्छे दिन लाइए

साल पूराः अब अच्छे दिन लाइए

चहूं ओर मोदी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर तरफ नजर आ रहे हैं। पिछले एक साल में जितनी भी योजनाएं शुरू की गईं, वे सब उन्होंने शुरू कीं। देश-विदेश में रणनीति-कूटनीति उनके कंधों पर ही है। सोशल मीडिया में इस देश के वास्कोडीगामा कहे जाने वाले इस प्रधानमंत्री ने एक साल के भीतर 18 देशों की यात्रा कर ली। यहां तक कि जब उनकी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है तब भी वह विदेशी जमीन पर नए श्रोताओं से मुखातिब हो रहे हैं। उनके समर्थक इसे नई गतिशील कूटनीति बताते हैं तो आलोचक इसे देश की समस्याओं से मुंह मोडऩा कहते हैं।
स्नैपडील के सीईओ, निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

स्नैपडील के सीईओ, निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

प्रमुख आनलाइन खुदरा कंपनी स्नैपडील और इसके सीईओ कुणाल बहल व अन्य के खिलाफ शुक्रवार को नवी मुंबई पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) के आदेश पर यह एफआईआर दर्ज की है।
रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरें अपरिवर्तित रखीं

रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरें अपरिवर्तित रखीं

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया। वह देखना चाहते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति पर हाल की बेमौसम बारिश का क्या असर रहता है। साथ ही वह यह भी चाहते हैं कि रेपो दर में पिछली कटौतियों का फायदा बैंक उपभोक्ताओं को दें।
खाद्य कानून लागू करने की समय सीमा फिर बढ़ी

खाद्य कानून लागू करने की समय सीमा फिर बढ़ी

केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) लागू करने के लिए राज्यों को छह महीने का और समय दिया है। खाद्य कानून लागू करने के लिए समय सीमा को पहले ही दो बार बढ़ाया जा चुका है और आखिरी बार बढ़ाई गई सीमा शनिवार को चार अप्रैल को समाप्त हो रही है।
सिर्फ दावों से नहीं होता विकास

सिर्फ दावों से नहीं होता विकास

विकास के वादे के साथ सत्ता में आई नई सरकार ने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और विधानों पर निर्दयता से धावा बोल दिया है। अक्तूबरए 2014 में यह अफवाह उड़ाई गई कि कुछ जिलों में मनरेगा योजना बंद कर दी जाएगीए हालांकि प्रस्तावित बदलावों को लागू नहीं किया गया। मनरेगा के लिए वित्त की कमी करके और मजदूरी के भुगतान में देरी करके इसको धीरे.धीरे खत्म करने की स्थिति पैदा की जा रही है।
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