चहूं ओर मोदी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर तरफ नजर आ रहे हैं। पिछले एक साल में जितनी भी योजनाएं शुरू की गईं, वे सब उन्होंने शुरू कीं। देश-विदेश में रणनीति-कूटनीति उनके कंधों पर ही है। सोशल मीडिया में इस देश के वास्कोडीगामा कहे जाने वाले इस प्रधानमंत्री ने एक साल के भीतर 18 देशों की यात्रा कर ली। यहां तक कि जब उनकी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है तब भी वह विदेशी जमीन पर नए श्रोताओं से मुखातिब हो रहे हैं। उनके समर्थक इसे नई गतिशील कूटनीति बताते हैं तो आलोचक इसे देश की समस्याओं से मुंह मोडऩा कहते हैं।
ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से आधिकारिक तौर पर ऑफलोड मुहर को हटा ली गई है। इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो द्वारा जारी विवादास्पद ‘लूक आउट सर्कुलर’की कार्रवाई के बाद पिछले चार महीनों से जारी घटनाक्रम पर विराम लग गया है।
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच के संबंधों पर राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के सदस्यों ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया जिससे शून्यकाल में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अधिकारों को लेकर छिड़ी जंग के बीच गृह मंत्रालय ने यह साफ किया है जो भी काम होगा संविधान के मुताबिक होगा। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश और संविधान में जो अधिकार मिला हुआ है उसी के अनुरुप काम करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम कहां है इसको लेकर सरकार ने संसद में अजीबोगरीब बयान दे डाला। मंगलवार को संसद में एक सांसद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से कहा कि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि दाऊद कहां है।
बंद होने की चुनौती से जुझ रही ग्रीनपीस इंडिया के पास अपने अस्तित्व को बचाने के लिये सिर्फ एक महीना है। संस्था के पास अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के लिये सिर्फ महीने भर का पैसा बचा है। गृह मंत्रालय की कार्रवाई को ‘चुपके से गला घोंटने’ जैसा बताते हुए ग्रीनपीस इंडिया ने मंत्रालय को चुनौती दी है कि वो मनमाने तरीके से दंड लगाना बंद करे और इस बात को स्वीकार करे कि वो ग्रीनपीस इंडिया को उसके सफल आंदोलनों की वजह से बंद करना चाह रहा है।
दिल्ली की एक अदालत ने पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों को आज जमानत दे दी। इनमें चार काॅरपोरेट अधिकारी और एक पत्रकार शामिल हैं।