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गजेंद्र के परिवार ने केजरीवाल से क्‍या मांगा ?

गजेंद्र के परिवार ने केजरीवाल से क्‍या मांगा ?

राजस्‍थान के किसान गजेंद्र सिंह की मौत के मामले में घिरी आम आदमी पार्टी ने अब उसके परिजनों को मनाने की कवायद तेज कर दी है। शुक्रवार को मीडिया के चौतरफा हमलों के बीच अाप के नेता संजय सिंह और पार्टी के कई विधायक गजेंद्र सिंह के परिजनों से मिलने दौसा जिले में उसके गांव नांगल झामरवाड़ा पहुंचे।
गजेंद्र की खुदकुशी पर सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

गजेंद्र की खुदकुशी पर सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

देश की संसद से महज चंद किलोमीटर दूर जंतर-मंतर पर राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तंगहाली और गरीबी से तंग गजेंद्र की मौत का तमाशा देखते रहे सभी। हजारों की तादाद में वहां लोग और पुलिसक्रमी मौजूद थे। सभी ने गजेंद्र को पेड़ पर चढ़ते हुए देखा और आत्महत्या की तैयारी करते हुए भी। देखते ही देखते गजेंद्र फंदे से झूल गया और चंद सेकेंड में उसके प्राण पखेरू उड़ गए। उस वक्त आप के तमाम बड़े नेता मंच पर मौजूद थे लेकिन भाषणबाजी का सिलसिला जारी रहा। सोशल मीडिया पर इस शर्मनाक घटना को लेकर जहां नेता, किसानों की बरबाद फसलों और मौतों पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वहीं आम इंसान गजेंद्र की आत्महत्या से बेहद गुस्से में है।
खुदकुशी की जांच पर दिल्‍ली सरकार और पुलिस में ठनी

खुदकुशी की जांच पर दिल्‍ली सरकार और पुलिस में ठनी

गजेंद्र की मौत की जांच सियासी दांव-पेच में उलझती जा रही है। दिल्‍ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हादसे की मजिस्‍ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। जिससे केंद्र और राज्‍य सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। दिल्‍ली पुलिस ने हादसे की जांच के जिला मजिस्‍ट्रेट के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ पलटवार करते हुए नई दिल्‍ली के डीएम संजय सिंह ने पुलिस को सुबह 11 बजे तक मामले से जुड़े सभी दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर पुलिस के ख्‍ािलाफ ही कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की जिंदगी से बड़ी कोई चीज नहीं - मोदी

किसानों की जिंदगी से बड़ी कोई चीज नहीं - मोदी

दिल्‍ली में राजस्‍थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या पर आज लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। जिसके बाद प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर लोकसभा में बयान देने पड़े। किसान विरोधी होने के आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमें यह सोचना होगा कि हम कहां गलत रहे, कौन-से गलत रास्ते पर चल पड़े। पहले क्या गलतियां रही और पिछले 10 महीने में क्या गलतियां हुई। हमें किसानों की समस्या का समाधान खोजना है। कई वर्षों से किसानों की आत्महत्या पूरे देश के लिए चिंता का विषय हैं। कल की घटना से पूरे देश में पीड़ा है और उसकी अभिव्यक्ति आज सदन में भी हुई। मैं भी इस पीड़ा में सहभागी हूं।
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