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Search Result : "खुशी दुबे की मां"

गजब ढा गया ऐश्वर्या राय का रेखा को मां कहना

गजब ढा गया ऐश्वर्या राय का रेखा को मां कहना

एक अवॉर्ड समारोह के दौरान अमिताभ बच्‍चन की बहू और अभिनेत्री ऐश्‍वर्या राय जिस अंदाज में बीते दौर की मशहूर अदाकारा रेखा से रूबरू हुईं उसने रेखा और अमिताभ के अफेयर की याद दिला दी।
व्यापमं: मप्र सरकार ने वकीलों पर खर्च किए सवा करोड़

व्यापमं: मप्र सरकार ने वकीलों पर खर्च किए सवा करोड़

एक गैर सरकारी संगठन का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार ने व्यापमं और डीमैट घोटाले के मामलों में सीबीआई जांच से बचने के लिए वरिष्ठ वकीलों की सेवाएं लीं। यही नहीं राज्य सरकार ने इसके लिए अपने ही विधि विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया और सेवा के लिए उन वकीलों को सवा करोड़ रुपये का भुगतान भी किया।
मां-बाप समेत 22 लोगों पर चलाई अंधाधुंध तलवार

मां-बाप समेत 22 लोगों पर चलाई अंधाधुंध तलवार

तेलंगाना के करीमनगर में 28 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने आज खौफनाक तरीके से तलवार से हमला कर अपने माता-पिता और तीन कांस्टेबल समेत 22 लोगों को घायल कर दिया। हालांकि पुलिस की कार्रवाई में वह मारा गया। हमलावर के माता-पिता और एक ऑटो चालक गंभीर हालत में हैं। उसे रोकने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका तथा अन्य घायलों का एक स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
मां-बहन की गालियों से मुक्त भारत की मुहिम

मां-बहन की गालियों से मुक्त भारत की मुहिम

54 वर्षीय सहर नीलोफर पिछले एक साल से रोजाना अपने घर द्वारका से जंतर-मंतर आती हैं। अपना बैनर लगाती हैं और शाम को घर लौट जाती हैं। यहां बैठकर वह प्रधानमंत्री से लेकर अलग-अलग असरदार लोगों को पत्र लिखती हैं। योजना बनाती हैं कि किस प्रकार गालीमुक्त भारत बनाया जा सके। रवानगी में अंग्रेजी भाषा में बात करते हुए नीलोफर कहती हैं ‘ समाज से मां,बहन और बेटी को संबोधित करती गालियां बंद हों।‘ यह महिला इस मुद्दे पर सिंगल वूमन ब्रिगेड की तरह काम कर रही है।
ग्रेसी सिंह को संतोषी मां का सहारा

ग्रेसी सिंह को संतोषी मां का सहारा

लगान और गंगाजल में काम कर चुकीं अभिनेत्री ग्रेसी सिंह अपने करिअर को लेकर संतुष्ट हैं। उनका मानना है कि वह रचनात्मक भूख मिटाने के लिए अभिनय करती हैं। वरना उनका पहला प्रेम तो शास्त्रीय नृत्य है।
मां की कहानी झूठी, मोदी का रोना नाटकबाजी: कांग्रेस

मां की कहानी झूठी, मोदी का रोना नाटकबाजी: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्‍ता आनंद शर्मा ने पीएम मोदी पर सवाल उठाया कि अगर उन्‍हें अपनी मां की इतनी ही परवाह है तो अपने साथ क्‍यों नहीं रखते। 12 साल गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहने के बावजूद पीएम ने उन्‍हें अपने शपथ-ग्रहण समारोह तक में नहीं बुलाया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को झूठा करार दिया है कि जिसमें उन्‍होंने कहा था कि उनकी मां दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थीं।
लाइव टीवी शो के दौरान मारपीट, राधे मां पर हो रही थी बहस

लाइव टीवी शो के दौरान मारपीट, राधे मां पर हो रही थी बहस

निजी टीवी चैनल आईबीएन-7 पर लाइव बहस के दौरान तकरार मारपीट तक पहुंच गई। रविवार को प्रोग्राम ‘आज का मुद्दा’ में राधे मां और उन पर लगने वाले आरोपों को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान ओमजी महाराज नाम के एक तथाकथित धर्मगुरू ने स्‍टू‍डियों में बैठीं दीपा शर्मा नाम की महिला पर व्‍यक्तिगत टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। इससे गुस्‍साई दीपा शर्मा ने ओमजी महाराज को थप्‍पड़ रसीद कर दिया। फिर क्‍या था महिला और महाराज के बीच शो के दौरान ही हाथापाई शुरू हो गई। प्रोग्राम के वीडियो में महाराज भी महिला को थप्‍पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं।
प्रणब मुखर्जी ने मां को दिया अपनी सभी सफलताओं का श्रेय

प्रणब मुखर्जी ने मां को दिया अपनी सभी सफलताओं का श्रेय

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपनी सभी सफलताओं का श्रेय अपनी मां को दिया और बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह बेमिसाल शरारती लड़के थे जो अपनी मां को खूब परेशान करता था।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।