Advertisement

Search Result : "गाजियाबाद दादरी घाट"

गोमांस के संदेह पर मुस्लिम दंपति से मारपीट, कई गिरफ्तार

गोमांस के संदेह पर मुस्लिम दंपति से मारपीट, कई गिरफ्तार

यूपी के दादरी में गोमांस की अफवाह पर एक व्‍यक्ति को पीट-पीटकर मार दिए जाने की घटना के बाद अब मध्‍य प्रदेश में इसी तरह का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में खिरकिया स्टेशन पर गोमांस के संदेह पर एक मुस्लिम दंपति के सामान की तलाशी और उनके साथ कथित तौर पर मारपीट किए जाने की खबर है।
दादरी कांडः अखलाक के फ्रिज में गोमांस नहीं मटन था

दादरी कांडः अखलाक के फ्रिज में गोमांस नहीं मटन था

उत्तर प्रदेश के दादरी में 28 सितंबर को गोमांस की अफवाह पर अखलाक नामक शख्स की पीट-पीट कर हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। वेटनरी विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि जो मांस का टुकड़ा पाया गया है वह बीफ नहीं बल्कि मटन (बकरे का मांस) था।
वाराणसी में गंगा आरती में शामिल हुए मोदी और जापानी पीएम आबे

वाराणसी में गंगा आरती में शामिल हुए मोदी और जापानी पीएम आबे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा आरती में हिस्सा लेकर दोनों देशों के बीच के पारंपरिक सांस्कृतिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा। दोनों नेताओं ने दिल्ली में अपनी शिखर वार्ता के बाद वाराणसी की यात्रा की। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है।
पलवल के पास ट्रेनों की टक्कर, चालक की मौत

पलवल के पास ट्रेनों की टक्कर, चालक की मौत

हरियाणा के पलवल के पास मंगलवार को कोहरे के बीच एक लोकल टेन लोकमान्य तिलक हरिद्वार एक्सप्रेस से टकरा गई जिससे एक टेन के चालक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
गोमूत्र से शुद्धिकरण को लेकर दादरी पर राजनीति

गोमूत्र से शुद्धिकरण को लेकर दादरी पर राजनीति

दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर सटे दादरी के गांव बिसाहड़ा को लेकर फिर से राजनीति गरमा गई है। यह वही बिसाहड़ा है जहां बीते दिनों गोमांस की झूठी अफवाह पर गांव के मोहम्मद अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और इनके बेटे दानिश को बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था। अखलाक की मौत के बाद इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ।
वीके सिंह के बयान पर राहुल ने संसद में किया पलटवार

वीके सिंह के बयान पर राहुल ने संसद में किया पलटवार

राहुल गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए पिछले दिनों विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के दिए एक बयान का जिक्र किया। राहुल ने कहा, सरकार के एक मंत्री दलितों की तुलना कुत्ते से करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाए रखते हैं।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
अब बोलीं निरंजना, गाय के अलावा खाने के लिए बहुत कुछ है

अब बोलीं निरंजना, गाय के अलावा खाने के लिए बहुत कुछ है

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने गोवध पर प्रतिबंध लगाने को राज्य सरकारों का कर्तव्य बताते हुए कहा है कि इस देश में गाय के अलावा खाने को बहुत सी चीजें हैं। कोलकाता में गोवध और गोमांस के उपभोग के बारे में ज्योति ने कहा, ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। यदि आप हमसे सम्मान चाह रहे हैं तो आपको पहले हमारा सम्मान करना भी सीखना चाहिए।
‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के खिलाफ फिल्म अभिनेता और भाजपा समर्थक अनुपम खेर आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग ‪#‎MarchForIndia टॉप ट्रेंड कर रहा है। खेर का कहना है कि पुरस्कार लौटाने वालों ने न केवल सरकार का बल्कि दर्शकों और ज्यूरी का भी अपमान किया है। खेर के साथ फिल्म जगत की कई और हस्तियां और साहित्यकार भी मार्च में हिस्सा लेंगे। सोशल मीडिया पर अनुपम खेर समेत इन फिल्मकारों और साहित्यकारों के बारे में कुछ ऐसा लिखा गया-
Advertisement
Advertisement
Advertisement