जाने-माने पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के भारत में सभी कार्यक्रम रद्द करने की खबरों के बीच लखनऊ जिला प्रशासन ने कहा है कि वह तीन दिसंबर को लखनऊ महोत्सव में अपना कार्यक्रम पेश करेंगे।
मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने 8 नवंबर को दिल्ली में होने वाला कंसर्ट रद्द कर दिया है। गुलाम अली ने कहा कि सुरक्षा कारणों से वह भारत का अपना पूरा कार्यक्रम कैंसिल कर रहे हैं। तीन दिसंबर को उनका लखनऊ में होने वाला शो भी अब नहीं होगा।
दादरी हत्याकांड पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को दुखद बताया है। लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि इसमें केंद्र की क्या भूमिका है? उन्होंने विपक्ष पर धुव्रीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुखद करार दिए जाने पर शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है। नरेंद्र मोदी काे उनका अतीत याद दिलाते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, नरेंद्र मोदी जी की पहचान विश्व में गोधरा-अहमदाबाद की वजह से हुई है, और उसी वजह से हम मोदी जी का आदर भी करते हैं।
दिल्ली एक बार फिर दिल वालों की साबित हो गई है। मुंबई में शिवसेना के विरोध के बाद पाकिस्तान के गजल गायक का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में दिल्ली में अपना कार्यक्रम पेश करने का अनुरोध किया है। अली ने उनकी दावत कबूल कर ली है।
शिवसेना के विरोध के बाद मुंबई में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम के कार्यक्रम को रद्द किए जाने के बाद कई फिल्मी हस्तियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इनमें जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी, संगीतकार विशाल डडलानी और शेखर रावजियानी हैं। सभी ने इस कदम की निंदा की है।
गुलाम अली के संगीत समारोह को जबरन रद्द कराए जाने के मुद्दे पर राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जगत के निशाने पर आई शिवसेना ने कहा है कि सैनिक शहीद हो रहे हों और यहां आनंद उठाया जाता रहे यह नहीं होगा।
आज विपक्ष के सदस्यों ने राज्यसभा टीवी चैनल के बारे में कुछ समाचार पत्राों में छपी एक खबर को तथ्यहीन बताते हुए इस बारे में विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार कर उस पर चर्चा कराने और इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस पर सरकार ने अनुरोध किया यह मुद्दा प्रेस की आजादी से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पर कोई भी फैसला लेते समय विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
शास्त्रीय गायिकी के सबसे प्रतिष्ठित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणासी में पहली बार किसी पाकिस्तानी कलाकार की आवाज गूंजी। भारतीयों के दिलों में बसने वाले यही फनकार गुलाम अली ने ऐसा समा बांधा कि देर शाम से सुबह तक उनके मुरीद मंदिर प्रांगण में उन्हें सुनने के लिए डटे रहे।