शहनाई के शहंशाह बिस्मिल्ला खां साहब ने वाराणसी में रहकर दुनिया का दिल जीता। सांप्रदायिक सद्भावना की अद्भुत अलख जगाई। इसीलिये खान साहब को ‘भारत रत्न’ देकर देश की सरकार और जनता ने अपने को गौरवान्वित बनाया। उन्हीं खान साहब के वाराणसी शहर में गजल सम्राट गुलाम अली के आने पर एक कट्टरपंथी संगठन के भ्रमित लोगों ने कड़ा विरोध किया है।
संसद के सोमवार से शुरू हो रहे अगले सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार के बीच लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है ताकि संसद का कामकाज सुचारू रूप से हो सके।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।
केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया के पिछले दिनों आगरा में एक सभा के दौरान दिए गए द्वेषपूर्ण और भड़काउ भाषण को लेकर विपक्ष द्वारा कड़ी आपत्ति जताने और उन्हें गिरफ्तार कर मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग किए जाने के बीच केन्द्र ने आज इन सारे आरोपों को नकार दिया। सरकार ने कहा कि कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं पाई गई।
विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदन के बाहर देवी-देवता के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को सदन में पढ़ने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा जबकि स्मृति ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उनसे जेएनयू छात्रों के खिलाफ उनके बयानों के बारे में प्रमाण देने को कहा गया था।
संसद के कल से शुरू हो रहे बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने के संकेत हैं। सत्र शुरू होने से पहले आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार पर व्यवधान का एजेंडा तय करने का आरोप लगाया जबकि सरकार ने कहा कि वह जेएनयू समेत सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने को तैयार है। हालांकि बैठक के बाद उसे सकारात्मक बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सभी दल इस पक्ष में थे कि संसद में कामकाज होना चाहिए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज राष्टपति प्रणब मुखजर्ी से मुलाकात करेंगे और जेएनयू विवाद तथा देश के विभिन्न हिस्सों में कथित तौर पर छात्रों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाएंगे।
पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली का कार्यक्रम लखनउ में आयोजित किए जाने की वजह से अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने उत्तरप्रदेश को इस्लामी राज्य करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति के लिए राष्ट्र विरोधी कारोबार शुरू कर दिया है।