सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वन रैंक, वन पेंशन सहित एक भी वायदा पूरा नहीं किया है। रविवार को अन्ना हजारे पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जंतर-मंतर पर पहुंचे।
रविवार को दुनिया भर में मनाए गए पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभाली। राजपथ पर करीब 36 हजार लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ योग अभ्यास किया, जिससे यह कार्यक्रम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में दर्ज हो गया है।
करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा हो गए। सरकार ने ब्रांडिग कर यह दिखाना चाहा कि भारत इसके लिए कितना गंभीर है। लेकिन इस दिवस के अवसर को कुछ लोगों ने मजाक के रुप में लिया तो कुछ ने इसे सियासत के तौर पर देखा। सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लोगों ने अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया।
कुछ लोग जहां योग दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाने की कोशिश कर रहे थे वहीं, उपराष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया है कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं किया गया था।
विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।