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Search Result : "गोपनीय दस्तावेज"

पनामा असर: कैमरन ने व्यक्तिगत आयकर रिटर्न सार्वजनिक किया

पनामा असर: कैमरन ने व्यक्तिगत आयकर रिटर्न सार्वजनिक किया

डेविड कैमरन अपना व्यक्तिगत आयकर रिटर्न सार्वजनिक करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं। साथ ही कैमरन ने पनामा दस्तावेजों की जांच के लिए एक नए कार्यबल का गठन किया है।
खोजी पत्रकारिता की असलियत

खोजी पत्रकारिता की असलियत

'पनामा पेपर्स’ ने विकीलीक्स‍ से ज्यादा विश्वभर में हलचल पैदा की है। भारत में भी क्योंकि 500 से ज्यादा भारतीयों के विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी होने के कागजातों का खुलासा हुआ है। लेकिन मेरा मानना है कि यह भारतीय खोजी पत्रकारिता की बहुत अच्छी मिसाल नहीं है। कारण दुनिया भर के तथाकथित खोजी पत्रकारिता के 'स्टार अलाइंस’ ने जो दस्तावेज एकत्रित किए, उनको हमारे अखबारों ने हूबहू छाप दिया है। उनकी आगे से कोई खोजबीन नहीं की। मीडिया अब भी, ज्यादातर घटनाओं में, सरकारी एजेंसियों एवं कचहरी द्वारा प्राप्त किए कागजातों को अपने सूत्रों के हवाले से छापकर वाहवाही लूटने की कोशिश करता है। ज्यादातर 'खोजी खबरें’ प्लेट में सजी-सजाई मिलती हैं।
मालेगांव धमाका मामले के गवाहों के बयान गायब

मालेगांव धमाका मामले के गवाहों के बयान गायब

साल 2008 के मालेगांव बम धमाका मामले में कुछ गवाहों के इकबालिया बयान यहां की विशेष मकोका अदालत से गायब बताए जा रहे हैं, जिससे अधिकारियों ने दस्तावेजों की तलाश शुरू कर दी है। यह मुद्दा इस हफ्ते की शुरूआत में तब सामने आया जब विशेष अदालत के कर्मियों ने पूर्व विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सैलिएन से संपर्क कर जानना चाहा कि क्या इस मामले के कुछ गवाहों के इकबालिया बयानों वाले दस्तावेज उनके पास हैं।
पनामा कांड में पहली बलि, आइसलैंड के पीएम का इस्तीफा

पनामा कांड में पहली बलि, आइसलैंड के पीएम का इस्तीफा

पनामा पेपर्स वित्तीय दस्तावेज लीक के बाद पहली बड़ी राजनीतिक घटना के तहत आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमुंदुर डेविड गुनलौगसन ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी पार्टी ने आज यह जानकारी दी। प्रोग्रेसिव पार्टी के उप नेता और कृषि मंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन ने एक सीधे प्रसारण में बताया, प्रधानमंत्री ने (अपनी पार्टी के) संसदीय समूह की बैठक में कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा देंगे और मैं इस पद को संभालूं।
पनामा दस्तावेज: काले धन पर एसआईटी करेगा जांच

पनामा दस्तावेज: काले धन पर एसआईटी करेगा जांच

कालाधन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज कहा कि करीब 500 प्रमुख भारतीय नागरिकों के बारे खुलासा की गई उस गोपनीय सूची की वह जांच करेगा जिन्होंने कथित तौर पर कर पनाहगाह पनामा की अपतटीय संस्थाओं में पैसे जमा किए गए हैं। इन भारतीयों में फिल्म, राजनीति और उद्योगजगत से हस्तियां शामिल हैं।
पनामा दस्तावेज लीक से पूरी दुनिया में हंगामा

पनामा दस्तावेज लीक से पूरी दुनिया में हंगामा

रूस ने पनामा दस्तावेज लीक होने की आलोचना करते हुए आज इसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लक्षित कर किया गया एक हमला बताया और दावा किया कि सीआईए के पूर्व अधिकारियों ने दस्तावेजों के विश्लेषण में मदद की। क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, पुतिन, रूस, हमारा देश, हमारी स्थिरता और आगामी चुनाव मुख्य निशाना हैं, खासतौर पर स्थिति को अस्थिर करने के लिए।
पनामागेट: 500 भारतीय, सैकड़ों विदेशी नेता कालाधन रखने वालों में शामिल

पनामागेट: 500 भारतीय, सैकड़ों विदेशी नेता कालाधन रखने वालों में शामिल

कालेधन पर अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने 8 महीने लंबी पड़ताल के बाद पनामा की कानूनी फर्म मोसाक फोंसेका के करीब एक करोड़ दस लाख लीक दस्तावेजों के जरिये यह साबित किया है कि कम से कम 500 भारतीयों ने दुनिया के टैक्स चोरों के स्वर्ग समझे जाने वाले देशा में अपनी काली कमाई छिपा रखी है।
नेताजी पर सरकार ने गलत दस्तावेज पेश किए- कांग्रेस

नेताजी पर सरकार ने गलत दस्तावेज पेश किए- कांग्रेस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो फाइल सार्वजनिक की है कांग्रेस ने उसकी जमकर आलोचना की है। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुुलासा हुआ कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री एटली को चिट्ठी लिखी थी जो कि जिसमें नेताजी को युद्घ अपराधी लिखा गया था। जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।
इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

इंतजार खत्म, नेताजी से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों की डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कीं। इन फाइलों से नेताजी की मृत्यु से जुड़े विवाद को समझने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने फाइलों को सार्वजनिक किया और इनकी डिजिटल प्रतियां भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रदर्शित करने के लिए जारी कीं।
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