आम आदमी पार्टी में प्रवक्ता पद की हैसियत पर अलका का वक्त खत्म हो गया है। पिछले दिनों परिवहन मंत्री गोपाल राय को हटाने पर पार्टी की लाइन से बाहर जाने पर उन्हें यह सजा मिली है।
भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन पर फिर से हमला बोलते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पूर्व अर्थशास्त्री ने भारतीय वित्तीय प्रणाली में एक टाइम बम लगा दिया है, जो दिसंबर में फटेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन के सेवा विस्तार पर राजनीतिक और उद्योग जगत में जारी चर्चा के बीच अब यह मामला इंटरनेट पर भी मामला गरमा गया है। इस समय सोशल मीडिया में कम से कम सात ऑनलाइन अपीलें राजन के विस्तार के समर्थन में घूम रही हैं। इन अपीलों पर अब तक 60,000 से अधिक हस्ताक्षर हो चुके हैं।
भारतीय संस्कृति और भारत के रुतबे को दुनिया में बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नोबेल की तरह एक पुरस्कार शुरू करना चाहता है। इस पुरस्कार में भी शांति, सामाजिक क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
आने वाली 17 जुलाई 2016 इस साल के संघ लोक सेवा आयोग में चयनित प्रतिभागियों के लिए एक अलग तारीख होगी। 1078 कुल चयनित परीक्षार्थियों में 646 ने किसी न किसी स्तर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थान संकल्प से कोचिंग की है। संकल्प इन्हीं प्रतिभागियों के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित कर रहा है। इस समारोह की खास बात संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल होंगे। वह हाल ही में चयनित इन अभ्यर्थियों को संबोधित करेंगे।
बीते दिनों जब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग ने दिल्ली में गौ शालाओं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया तो गौ शालाएं अचानक से खबरों में आ गईं। अब तक गौ शालाओं का संचालन ऐसा काम नहीं था जिस पर चर्चा की जाए। हिंदुत्व, गाय, गंगा के मुद्दे पर हमेशा ही मुखर रहने वाली मौजूदा सरकार ने अब गौ शालाओं पर काम करना शुरू किया है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को दुनिया के सबसे बेहतर अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देखने वाली महत्वपूर्ण बात तो यह है कि क्या मोदी सरकार रघुराम राजन के लायक है।
ताकत मौन में या मीडिया के पास? मीडिया कहां चुप रहे, कहां मुंह खोले और कहां ध्यान दे? सत्ता में आने के बाद अधिकांश राजनेता मीडिया को नई राह दिखाने की कोशिश करते हैं। पत्रकारिता की ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने वाले एक वर्ग के कारण मीडिया को घेरने की गुंजाइश बनती है।
कांग्रेस सरकार ने जब भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और सिने अभिनेत्री रेखा को राज्यसभा का सदस्य नामजद किया था, तो भाजपा के कुछ नेताओं सहित एक वर्ग ने सवाल उठाए थे। सदन में अधिकांश दिनों उनकी अनुपस्थिति और व्यासायिक विज्ञापनों तथा रंगारंग कार्यक्रमों में भागीदारी पर भी सवाल उठने से कांग्रेस नेताओं की किरकिरी हुई।