शोध छात्रा के उत्पीड़न विवाद को लेकर इस्तीफे की बढ़ती मांगों के बीच सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्राचार्य वालसन थम्पू ने मंगलवार को कहा कि मामले में उनका किसी जानवर की तरह पीछा किया जा रहा है। उन्होंने सभी संबद्ध तत्वों से चरित्र हनन नहीं करने को कहा क्योंकि मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है।
शोध छात्र के यौन उत्पीड़न मामले को लेकर विवादों में घिरे सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वालसन थम्पू ने सोमवार को कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि संस्थान के लिए वह शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं तो इस्तीफा दे देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लगता है कि इस मामले में शिकायतकर्ता को दिल्ली पुलिस की ईमानदारी पर भरोसा नहीं है।
व्यापमं घोटाले की कवरेज पर गए टीवी पत्रकार की संदिग्ध मौत के बाद अब घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन का शव दिल्ली यरपोर्ट के पास एक होटल में मिला है। हैरानी की बात है कि इसी मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन की मौत भी रहस्यमय तरीके से हुई थी। अब तक इस घोटाले से जुड़े 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एक शोध छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पीड़ित छात्रा ने कॉलेज के प्रिंसिपल वाल्सन थंपू के साथ हुई बातचीत के ऑडियो टेप व एसएमएस जारी करते हुए केस वापस लेने का दबाव डालने का आरोप लगाया है।
बड़े स्तर पर कदाचार के मद्देनजर रद्द किए गए ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2015 को पुन: आयोजित कराने के लिए और अधिक समय मांगने संबंधी सीबीएसई की याचिका पर सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।
गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 31 नए देशों को ई-पर्यटन वीजा जारी करेगा। इन राष्ट्रों को हाल ही में इस सुविधा के लिए केंद्र ने सूची में शामिल किया है। इस कदम से मानसून के मौसम में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।