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Search Result : "चन्नी कैबिनेट"

मेटरनिटी लीव 12 की बजाए 26 सप्‍ताह की हुई, कैबिनेट की मंजूरी

मेटरनिटी लीव 12 की बजाए 26 सप्‍ताह की हुई, कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने मातृत्व लाभ अधिनियम में पूर्व में किये गए संशोधनों को मंजूरी दे दी है। संशोधन में महिलाओं के मातृत्व अवकाश मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है। कैबिनेट ने इसके साथ ही कारखाना अधिनियम में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के चल रहे मानसून सत्र में पहले ही पेश किया जा चुका है।
अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में 10 मंत्रियों को शामिल किया

अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में 10 मंत्रियों को शामिल किया

अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने 16 दिन पुराने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए बुधवार को 10 नए कैबिनेट मंत्रियों को उसमें शामिल किया। राज्यपाल तथागत राॅय ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।
नजमा हेप्तुपल्ला ने भाजपा को बताया, लड़ेंगी उपराष्ट्रपति का चुनाव

नजमा हेप्तुपल्ला ने भाजपा को बताया, लड़ेंगी उपराष्ट्रपति का चुनाव

केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों के लिए अनाधिकारिक रूप से तय 75 वर्ष की आयु सीमा के कारण हाल ही में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली नजमा हेप्तुल्ला उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहती हैं। इस संबंध में अपनी इच्छा से उन्होंने भाजपा को भी अवगत करा दिया है।
मोदी के 72 मंत्री करोड़पति, सबसे ज्यादा धन अकबर के पास

मोदी के 72 मंत्री करोड़पति, सबसे ज्यादा धन अकबर के पास

केंद्र में हाल के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट के सदस्यों की संख्या बढ़ कर 78 हो गई है। इनमें से 72 करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा दौलत एमजे अकबर के पास। नौ के पास 30 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।
कैबिनेट विस्तार: मोदी ने लिया था टेस्ट, 10 सांसदों को छोड़ सभी फेल

कैबिनेट विस्तार: मोदी ने लिया था टेस्ट, 10 सांसदों को छोड़ सभी फेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कैबिनेट विस्‍तार से पहले अपने मंत्रियों और सांसदों का एक स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट लिया। जिसमें पार्टी के महज दस सासंद ही 100 में 100 अंक हासिल कर सके। वोटरों की राय, संसद और मंत्रालय में कामकाज के आधार पर टेस्‍ट में ग्रेडिंग दी गई। सूत्रों के अनुसार इस टेस्‍ट के बाद ही पीएम मोदी और शाह ने योग्‍य नेताओं को मंत्री पद से नवाजा।
एक सवाल पूछा और मंत्री बन गए

एक सवाल पूछा और मंत्री बन गए

मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में एक ऐसे भी मंत्री हैं जिन्होने सोलहवी लोकसभा के दो साल बीत जाने के बाद भी संसद में केवल एक सवाल पूछा और मंत्री बना दिए गए। यह हैं कर्नाटक की बीजापुर सुरक्षित सीट से सांसद रमेश सी जिगाजिनागी।
मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंत्रिमंडल विस्‍तार पर मीडिया बोला : पहले होती थी लॉबिंग, अाजकल हो रहा नामिनेशन

मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया। यह विस्‍तार और बदलाव पूरी तरह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने किया है। पार्टी के अन्‍य सूत्रों का इसमें ज्‍यादा दखल और हस्‍तक्षेप नहीं हुआ। इस मंत्रिमंडल को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का स्टैंप कहा जा सकता है ।
इन पांच मंत्रियों की छुट्टी कर दी मोदी ने

इन पांच मंत्रियों की छुट्टी कर दी मोदी ने

मंगलवार को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में 19 नए चेहरों को जगह दी और शाम होते-होते पुराने पांच लोगों की छुट्टी कर दी। मोदी कैबिनेट से जो पांच लोग बाहर किए गए हैं उनमें से कुछ विवादों में घिरे हैं तो कुछ को खराब प्रदर्शन या फिर खराब स्वास्‍थ्य की की वजह से हटाया गया है।
नए मंत्रियों ने कहा जिम्मेवारी निभाऊंगा

नए मंत्रियों ने कहा जिम्मेवारी निभाऊंगा

मोदी सरकार में विस्तार के बाद केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि जो जिम्मेवारी मिली है उसे पूरी ईमानदारी से निभाया जाएगा। कैबिनेट विस्तार में विजय गोयल और फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर सभी राज्यमंत्री पहली बार बने हैं।
शिवसेना ने शपथ ग्रहण का बहिष्‍कार किया : दो मंत्री मांगे थे, मोदी ने दिया एक

शिवसेना ने शपथ ग्रहण का बहिष्‍कार किया : दो मंत्री मांगे थे, मोदी ने दिया एक

महाराष्‍ट्र और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्‍तार से अलग रही। शिवसेना का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शरीक नहीं हुआ। शिवसेना ने दो मंत्रियों को सहित एक और कैबिनेट मंत्री की मांंग की थी। पीएम माेदी ने संभावित सूची में एक मंत्री पद शिवसेना के लिए रखा था। और कैबिनेट मंत्री की मांग ठुकरा दी। बस नाराज शिवसेना ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्‍कार कर दिया। शिवसेना और भाजपा के बीच अलगाव की एक और वजह बृहन्मुंबई महानगरपालिका और उसका भारी भरकम बजट भी है।
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