दिल्ली नगर निगम में भाजपा को तीसरी बार बहुमत मिलना एक बड़ी कामयाबी है। विधानसभा चुनाव में 3 विधायकों पर सिमटी भाजपा के लिए यह डगर आसान नहीं थी। यह दिल्ली में भाजपा के नए चेहरों और नई रणनीति की जीत है। उधर, आम आदमी पार्टी विधानसभा की जबरदस्त जीत के बाद जनता की जबरदस्त नाराजगी का शिकार हो गई है।
ईवीएम में छेड़छाड़ के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के भीतर ही मतभेद बढ़ते जा रहे हैैं। ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप को नकारने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर उनकी ही पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने सवाल उठाया है। तिवारी का कहना है कि साल 2010 और 2001 में जब अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने बताया था कि ईवीएम से कैसे छेड़छाड़ की जा सकती है।
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथप्रसाद तिवारी का मानना है कि संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण के लिए जारी कोशिशों के बावजूद पूंजीवादी उपभोक्तावाद का लोक-संस्कृति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
साहित्योत्सव के चौथेदिन ‘आमने-सामने’ कार्यक्रम में साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता हिंदी लेखिका नासिरा शर्मा ने कहा, विभाजन की हिंसा से जहां लोग सीधे प्रभावित हुए, वहीं वतनपरस्त मुसलमानों को मानसिक प्रताड़ना ज्यादा झेलनी पड़ी। वे अशोक तिवारी के सवालों के जवाब दे रही थीं।
दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने आज पार्टी की 15 सदस्यीय कोर समिति के गठन की घोषणा की। इस समिति के सदस्यों में दिल्ली भाजपा कार्यकारिणी से सिर्फ तिवारी और संगठन सचिव सिद्धार्थन शामिल हैं।
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन भाजपा में शामिल हो गए है। रविवार को रविकिशन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
खादी के कैलेंडर के से भले ही गांधी जी गायब हो गए हों लेकिन टोपी के माध्यम से गांधी लगता है भारतीय जनता पार्टी में आ जाएंगे। आज 91 साल के दिग्गज कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी अपने बेटे रोहित शेखर के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आज कहा कि पार्टी नजीब जंग के इस्तीफा देने के निजी फैसले का सम्मान करती है लेकिन जो कोई भी उपराज्यपाल बनेगा उसके साथ आप सरकार का टकराव जारी रहेगा क्योंकि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी संवैधानिक औचित्य का अनुसरण नहीं करती है।
किसी फिल्म को देखने के लिए सबसे पहले सवाल आता है कि इस फिल्म को क्यों देखना चाहिए। अगर दंगल के बारे में भी यही प्रश्न मन में है तो इसे इसलिए देखना चाहिए कि यह एक विश्वसनीय फिल्म है, किरदारों से लेकर लोकेशन तक, अभिनय से लेकर भावनाओं तक। यह कहानी गीता-बबीता से ज्यादा महावीर सिंह फोगाट की कहानी है।