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Search Result : "चीफ व्हिप महेश जोशी"

स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार: शर्मा

स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार: शर्मा

पर्यटन और संस्कृति ऐसे विभाग हैं, जिनमें अपार संभावनाएं हैं। कई क्षेत्र हैं, जिन्हें पर्यटकों के लिए विकसित किया जा सकता है। संस्कृति के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को विश्व मानचित्र पर उकेरा जा सकता है। नई सरकार में इस क्षेत्र में कई काम हो रहे हैं। इसी से संबंधित राज्यमंत्री संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री महेश शर्मा ने आउटलुक से बातचीत की।
बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किये जाने के दूसरे ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाबरी मस्जिद विंध्वंस की साजिश रचने के मामले में नोटिस भेजा है। इस मामले में आडवाणी के अलावा 19 और लोगों को नोटिस भेजा गया है।
दिल्ली में नृत्य महोत्सव की धूम

दिल्ली में नृत्य महोत्सव की धूम

दिल्ली में जीवनपानी मेमोरियल महोत्सव का आगाज हो चुका है। प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना और सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेस की संस्थापक सोनल मानसिंह की कल्पना का मूर्त रूप यह उत्सव अभिलाषा की अवधारणा पर है और इस बार इसे स्वच्छ भारत अभियान को समर्पित किया गया है।
पाकिस्तान में महिला पत्रकार की मौत

पाकिस्तान में महिला पत्रकार की मौत

रूसी मूल की पत्रकार मारिया गोलावनीनी पाकिस्तान में अपने घर में मृत पाई गईं। मारिया पाकिस्तान में रॉयटर्स की ब्यूरो चीफ थीं। पूछताछ के लिए पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। पाकिस्तान के साथ-साथ वह अफगानिस्तान की खबरों पर भी नजर रखती थीं।
बर्बर प्रदेश में कितनी उम्मीद

बर्बर प्रदेश में कितनी उम्मीद

राष्‍ट्र¬भाषा होने का दावा करने वाली हिंदी के मीडिया से तो इसी राष्‍ट्र का हिस्सा माना जाने वाला मणिपुर अमूमन गायब ही होता है और उत्तर पूर्व में असम अगर यदा-कदा चर्चा में आता भी है तो बिहारियों, झारखंडियों पर उग्रवादी हमले के कारण या अरूणाचल प्रदेश की चर्चा होती है तो चीनी दावेदारी के हंगामें के कारण। हिंदी के एक्टिविस्ट संपादक प्रभाष जोशी के निधन के बाद की चर्चा में यह प्रसंग जरूर आया कि वह 5 नवंबर को नागरिकों की एक टीम के साथ मणिपुर जाना चाहते थे लेकिन यह टीम मणिपुर की जिन उपरोक्त परिस्थितियों के बारे में एक तथ्यान्वेषण मिशन पर वहां जा रही थी उसका जिक्र ओझल ही रहा। और जिस ऐतिहासिक अवसर पर यह टीम मणिपुर जा रही थी उसका जिक्र तो भला कितना होता? यह ऐतिहासिक अवसर था 37 वर्षीय इरोम शर्मिला के आमरण अनशन के दसवें वर्ष में प्रवेश का। गांधी और नेल्सन मंडेला की जीवनी सिरहाने रखे बंदी परिस्थितियों में इंफाल के एक अस्पताल में अनशनरत अहिंसक वीरांगना के नाक में टयूब के जरिये जबरन तरल भोजन देकर सरकार जिंदा रखे हुए है। अपढ़ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिता और अपढ़ माता की नौवीं संतान शर्मिला सन 2000 में असम राइफल्स के जवानों पर बागियों की बमबारी के जवाब में सशस्त्र बलों द्वारा एक बस स्टैंड पर 10 निर्दोष नागरिकों को भूने जाने की खबरें अखबारों में पढक़र और तस्वीरें देखकर तथा उन सुरक्षाकर्मियों को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के कारण सजा की कोई संभावना न जानकर इतना विचलित हुई कि उन्होंने इस तानाशाही कानून के खिलाफ आमरण अनशन का फैसला ले लिया।
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