छत्तीसगढ़ में लोक सुराज अभियान के तहत अति नक्सल प्रभावित पिछड़े गांवों के कायापलट का अभियान शुरू किया गया है। पहले दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अति नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के बासिंग गांव का औचक दौरा किया।
छत्तीसगढ़ राज्य के जल संसाधन विभाग के आकड़ों के मुताबिक राज्य के वृहद और मध्यम सिंचाई जलाशयों में कुल 21 हजार 887 घनमीटर पानी उपलब्ध है, जो कुल इस्तेमाल योग्य जल संग्रहण क्षमता का 35 फीसदी है। यह आंकड़े किसी को भी डरा सकते हैं।
गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में हुई हिंसा के मुद्दे पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सीधे नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह घटनाएं दिखाती हैं कि देश अस्थिर प्रशासन से जूझ रहा है जबकि प्रधानमंत्री शांति के शुभंकर बनकर दुनिया भर में घूम रहे हैं।
एनआईटी श्रीनगर परिसर में तनाव के बीच दूसरे राज्यों के छात्रों ने मांग की है कि स्थिति के सामान्य होने तक सोमवार से शुरू हो रही परीक्षाओं सहित संस्थान में शिक्षण गतिविधियों को टाल दिया जाना चाहिए। दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों में लड़कियां भी शामिल हैं और वे विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कालेज और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनकी मांग पर चर्चा संभव नहीं है।
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित जिलों में माओवादियों के आत्मसमर्पण का सिलसिला जारी है। ताजा कड़ी में शनिवार को 11 महिला नक्सलियों समेत 122 नक्सलियों ने हथियार फेंककर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुकमा जिले में यह अब तक का सबसे बड़ा समर्पण माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर बढ़ते हमलों और माओवादियों से संबंध का आरोप लगाकर उनकी गिरफ्तारी को लेकर `एडिटर्स गिल्ड’ ने गहरी चिन्ता जताई है। `एडिटर्स गिल्ड’ की जांच टीम ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, बस्तर, रायपुर और केन्द्रीय कारागार का दौरा कर पत्रकारों के उत्पीड़न की खबरों को सही पाया। जांच टीम के प्रकाश दुबे और विनोद वर्मा ने 13 से 15 मार्च के बीच इन इलाकों का दौरा किया। पीड़ित पत्रकारों, वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों से बात की। जगदलपुर और रायपुर में कई सरकारी अफसरों से मिले और रायपुर में मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात की।
बस्तर के अबूझमाड़ में 16 ग्रामीणों की कथित हत्या की खबरों से एक बार फिर देश और दुनिया के मीडिया की निगाहें बस्तर के नक्सलवाद पर टिक गई हैं। दरअसल इस खबर के जन्मदाता बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बौखला गए हैं और निर्दोष ग्रामीणो को मार रहे हैं।