बाजार में कम दिखाई पड़ रहे 2000 रुपये के नोट की सच्चाई सामने आने लगी है। खबर है कि पिछले पांच महीने से भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये का नोट नहीं छापा है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि नब्बे के दशक में कांग्रेसी प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव के कार्यकाल में दुनिया की करंसी नोट छापने की मशीन बनाने वाली स्विटजरलैंड की एकाधिकार प्राप्त कंपनी डी लारू जियोरी ने चेतावनी दी कि भारत अपनी सिक्यूरिटी प्रिंटिंग प्रेसों के आधुनिकीकरण को दो हिस्सों में बांटकर जापान को न दें क्योंकि इससे इंडियन करंसी के जाली बनने की संभावना बढ़ जाएगी। जियोरी ने चेताया कि अमेरिकन डॉलर्स सबसे ज्यादा जाली बनते हैं। दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने सबसे ज्यादा डॉलर जाली छापे थे।
भारतीय मुद्रा की छपाई के दौरान हुई सुरक्षा लापरवाही के मामले को दबाते हुए वित्त मंत्रालय ने अंदरखाने जांच भी शुरू कर दी लेकिन इस बात की किसी को भनक तक नहीं लग पाई। समाचार चैनल सीएनएन आईबीएन के हाथ लगी मामले की जांच रिपोर्ट सामने आई है। यह मामला पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौर का है।