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येचुरी को मोदी सरकार में दिखी हिटलर शासन की छवि

येचुरी को मोदी सरकार में दिखी हिटलर शासन की छवि

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार की अगर इतिहास से तुलना की जाए तो यह हिटलर के फासीवादी मॉडल से मिलती-जुलती होगी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर अपने हिंदू राष्ट्र का एजेंडा चलाने के लिए राष्ट्रवाद पर बहस खड़ी करने का आरोप लगाया।
प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रकाश झा सन 2003 में आई अपनी ही फिल्म गंगाजल का सीक्वेल बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका चोपड़ा की अंतरराष्ट्रीय शोहरत से फिल्म को मदद मिलेगी।
देश की छवि खराब करती हैं दादरी जैसी घटनाएं: जेटली

देश की छवि खराब करती हैं दादरी जैसी घटनाएं: जेटली

उत्तर प्रदेश में गोमांस खाने की अफवाह से एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या किए जाने की निंदा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस प्रकार की घटनाएं देश की छवि खराब करती हैं।
‘सरकार की एक साल की कमाई भारत की छवि है’

‘सरकार की एक साल की कमाई भारत की छवि है’

आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की अभूतपूर्व जीत ने पूरे देश में आशा की लहर का संचार किया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का एक साल पूरा हो गया है। सरकार की पहली वर्षगांठ पर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आउटलुक हिंदी से खूब खुल कर चर्चा की
मोदी छवि प्रबंधकों ने नेपाल में लगाया बट्टा

मोदी छवि प्रबंधकों ने नेपाल में लगाया बट्टा

कष्ट में पड़े लोग सरल हृदय करुणा के स्पर्श की सांत्वना के भूखे होते हैं। आत्मरत चतुराई उनके जले पर नमक छिडक़ती है। यह बात मोदी सरकार के चालाक मीडिया प्रबंधक नहीं समझ पाए। वे यह भी भूल गए कि भारतीय टेलीविजन, खासकर हिंदी टेलविजन, नेपाल के लोग भी देखते और समझते हैं।
मीडिया ने बनाई है इस्लाम की छविः ओबामा

मीडिया ने बनाई है इस्लाम की छविः ओबामा

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले भारत जैसे देशों में मुसलमानों के अच्छे कामों की सराहना करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्वीकार किया कि अमेरिका में कई लोगों के मन में इस समुदाय को लेकर विकृत धारणाएं हैं।
राहुल की मुट्टी खुलने का इंतजार

राहुल की मुट्टी खुलने का इंतजार

हम गांव की चिंता में भटकते राहुल की चल और अचल तस्वीरें देखते हैं लेकिन अभी जानते कि गांवों को खुशहाल बनाने की उनकी नीतियां क्या हैं और वह इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाने वाले हैं। हम गरीबों से राहुल के मेलजोल की कोशिशों के बाबत पढ़ते हैं और भरोसा करने को तैयार हैं कि वह उनकी हालत बिना किसी बिचौलिए के जानने चाहते हैं जिस देश में गरीबों के लिए बनी योजनाओं का लाभ अक्सर फर्जी गरीब उठा लेते हैं वहां अब हम जानना चाहते हैं कि राहुल सही गरीबों की शिनाख्त का कौन सा बेहतर तरीका अपनाएंगे। हम जानते हैं क अपने पिता राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी भी चिंतित हैं कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में सिर्फ 15 पैसे उन तक पहुंचते हैं लेकिन हमारी अब यह जानने की भी अपेक्षा है कि विचौलियों द्वारा चट हो रहे बाकी के 85 पैसे राहुल गरीबों तक कैसे पहुंचाएंगे। हम जानते हैं कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को राहुल गांधी अपनी यूपीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उसे पूरे देश में फैलाना चाहते हैं, शहरों मे भी, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह इस योजना में व्यापक धांधली कैसे रोकेंगे, कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सही लोगों को जॉब कार्ड मिले, काम पर आए मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिल पाए और इस योजना के जरिये गांवों में पक्के आधारभूत ढांचे भी बन पाएं।
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