जंतर-मंतर पर धरना जारी रख सकेंगे पूर्व सैनिक। प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने की पुलिस की कोशिश के व्यापक विरोध को देखते हुए सरकार को देनी पड़ी अनुमति।
आकाशवाणी के जरिए अपनी बात कहने वाले देश भर के कैजुअल एनाउंसर और कंपीयर ने जंतर-मंतर पर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। तीन और चार अगस्त के दो दिन के धरना-प्रदर्शन में इन कैजुअल एनाउंसर ने केंद्र सरकार और प्रसार भारती के रहनुमाओं तक अपनी 'मन की बात' पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के 30 वर्ष पूरे होने पर धरना देने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे नर्मदा आंदोलनकारियों को आशंका है कि सरकार तीन राज्यों के 245 गांवों के 2.5 लाख लोगों की जिंदगियों को ताक पर रख फिर एक बार बांध की ऊंचाई बढ़ा देगी।
अप्रैल में जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी की पार्टी की रैली में कथित तौर पर फांसी लगा लेने वाले राजस्थान के किसान को शहीद का दर्जा दिए जाने के दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से जवाब-तलब किया।
जंतर-मंतर पर आज उत्तर भारत के कई राज्यों से आए पुरुषों ने प्रदर्शन किया। सेव मैन्स राइट्स एसोसिएशन (समरा) के बैनर तले किया गया यह प्रदर्शन एक अलग तरह का प्रदर्शन था। इसमें दहेज की धारा 498-ए और घरेलू हिंसा संबंधी कानून की धारा के तहत विवाहित लड़की वालों द्वारा सताए गए पुरुषों ने मांग की है कि पुरुषों के लिए भी एक पुरुष आयोग बनाया जाए। यहां आए कानून के जानकार पुरुषों ने कानून में दर्ज उन धाराओं के बारे में भी बताया जो लड़के वालों को भी कुछ अधिकार देती हैं।
शुक्रवार को जंतर-मंतर ‘साडा हक,ऐथे रख’ के नारों से गूंजता रहा। पंजाब से हजारों किसान अपनी बात कहने दिल्ली आए। गुस्से से तप रहे किसानों ने कहा कि ‘अगर ऐसा ही रहा तो हम अन्न उगाना बंद कर देंगें। उगाओ दिल्ली में गेंहूं। सिर्फ अपने लायक अन्न उगाएंगे और तुम्हें भूखे मारने के नौबत ला देंगे।‘ किसानों का कहना है कि अत्याचार बंद करो। देश के 67 फीसदी किसान ने मोदी को अगर चुना है तो वे उसे गद्दी से उतारना भी जानते हैं।
आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान हुई किसान की खुदकुशी के मामले में दिल्ली पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट नयी दिल्ली क्षेत्र के जिलाधिकारी को सौंप दी है। दिल्ली पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में गजेंद्र की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है। आगे की जांच अब नयी दिल्ली के जिलाधिकारी करेंगे।
गजेंद्र की मौत की जांच सियासी दांव-पेच में उलझती जा रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। जिससे केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। दिल्ली पुलिस ने हादसे की जांच के जिला मजिस्ट्रेट के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ पलटवार करते हुए नई दिल्ली के डीएम संजय सिंह ने पुलिस को सुबह 11 बजे तक मामले से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर पुलिस के ख्ािलाफ ही कार्रवाई की जाएगी।