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जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ कार्रवाई, नेताओं के दफ्तर, घर और संपत्ति सील

जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ कार्रवाई, नेताओं के दफ्तर, घर और संपत्ति सील

देश में लगातार बढ़ रही आतंकी गतिविधियों को देखते हुए , जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी...
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी पर लगाया बैन, बताया गैरकानूनी संगठन

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी पर लगाया बैन, बताया गैरकानूनी संगठन

जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने अलगाववादी संगठन जमात-ए-इस्लामी...
भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार: जमात ए इस्लामी हिंद

भारत को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार: जमात ए इस्लामी हिंद

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात ए इस्लामी हिंद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) का समर्थन करते हुए आज कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपनी एवं अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार हासिल है।
बंगाल, असम से जेएमबी के छह शीर्ष आतंकी गिरफ्तार

बंगाल, असम से जेएमबी के छह शीर्ष आतंकी गिरफ्तार

आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के छह शीर्ष आतंकियों को बंगाल और असम से गिरफ्तार किया गया है। इनमें से चार 2014 के बंगाल के बर्दवान के खगरागढ़ विस्फोट मामले में वांछित थे।
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात नेता की मौत की सजा बरकरार रखी

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात नेता की मौत की सजा बरकरार रखी

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध अपराधों के मामले में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता एवं प्रमुख वित्त पोषक मीर कासिम अली को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है।
आइएसआइएस के प्रभाव को खत्म करने के लिए इमाम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करेंगे

आइएसआइएस के प्रभाव को खत्म करने के लिए इमाम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करेंगे

युवाओं को आइएसआइएस और अन्य आतंकी संगठनों के प्रति आकर्षित होने से रोकने के लिए यहां के इमाम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं। वह सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को इस्लाम का सही अर्थ समझाएंगे और शांति के संदेश का प्रसार करेंगे।
दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

बांग्‍लोदश के जन्‍म के समय कई लोगोें ने पाकिस्‍तान की मंशा का विरोध किया था। बांग्‍लादेश में 30 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक हैं, जिन्‍हाेंने पाकिस्‍तान का साथ दिया था। इनमें सेना, पुलिस, नागरिक सेवक, इस्‍लामिक समूह जैसे जमात-ए-इस्‍लामी आदि शामिल थे। बांग्‍लोदश नेशनलिस्‍ट पार्टी की खालिदा जिया भी पाकिस्‍तान के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्‍यक्ष शेख हसीना का भारत की तरफ झुकाव है। हसीना भावुक हैं और कठोर फैसले नहीं ले पाती हैं। इन दोनों बेगमों की विचारधारा और कार्य करने का जो अंतर है, उसी में बांग्‍लादेश फंस गया है।
बांग्लादेश ने 1971 के युद्ध अपराधी को आधी रात को चढ़ाया फांसी पर

बांग्लादेश ने 1971 के युद्ध अपराधी को आधी रात को चढ़ाया फांसी पर

कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतीउर रहमान निजामी को बीती रात फांसी दे दी गई। मोतीउर रहमान जमात का सबसे बुजुर्ग इस्लामी नेता था, जिसे 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध अपराधों के लिए फांसी पर लटकाया गया।
युद्ध अपराध सुनवाई पर पाक की टिप्पणी पर बांग्लादेश ने जताई आपत्ति

युद्ध अपराध सुनवाई पर पाक की टिप्पणी पर बांग्लादेश ने जताई आपत्ति

बांग्लादेश ने आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और युद्ध अपराधों की सुनवाई पर पाक की टिप्पणी का विरोध किया। 1971 के युद्ध अपराधों के सिलसिले में जमात-ए-इस्लामी प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी की मौत की सजा की पुष्टि के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर इस्लामाबाद की ओर से नकारात्मक टिप्पणी की गई थी।
युद्ध अपराध के लिए फांसी चढ़ेगा यह नेता

युद्ध अपराध के लिए फांसी चढ़ेगा यह नेता

बांग्लादेश 1971 में पाकिस्तान के विरूद्ध मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों के लिए कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी को फांसी देने की तैयारी में है। शीर्ष अदालत द्वारा मृत्युदंड की सजा बरकरार रखने के बाद अधिकारियों ने आज 72 वर्षीय निजामी को फांसी का आदेश दिया।
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