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आईएसआईएस ने ही की बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की हत्या

आईएसआईएस ने ही की बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की हत्या

खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बांग्लादेश में भारत की सीमा से सटे एक मंदिर के हिंदू पूजारी की नृशंस हत्या का दावा किया है। बंदूक और चाकू के इस्तेमाल से की गई पुजारी की हत्या हिंदुओं के खिलाफ इस आतंकी संगठन का पहला हमला है।
मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारियां बंद होः मुस्लिम संगठन

मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारियां बंद होः मुस्लिम संगठन

‘ जब देश के गृहमंत्री दुनिया के सामने कहते हैं कि आईएस भारत में कभी अपनी जड़े नहीं जमा सकता क्योंकि भारतीय मुसलमान उसे पनपने ही नहीं देंगे तब लगातार मुसलमान नौजवानों को आईएस और अलकायदा से ताल्लुक रखने के आरोप में गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है? क्या यह मुसलमानों को डराने की साजिश नहीं, इससे मुल्क का माहौल नहीं बिगड़ेगा?’ दिल्ली में देश के तमाम बड़े मुस्लिम सगंठनों ने एक प्रैस वार्ता में यह सवाल पूछा।
'इंटरनेट पर परोसी जा रही इस्‍लाम, जेहाद की गलत परिभाषा'

'इंटरनेट पर परोसी जा रही इस्‍लाम, जेहाद की गलत परिभाषा'

जमात-ए-उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी मुसलमानों के रहने के लिए भारत को बेहतरीन देश मानते हैं, हालांकि उनके इस बयान से मुसलमानों में एक तबके ने तीखी प्रतिक्रया दी है। मौजूदा समय में आतंकवाद, युवा मुसलमान, भारत में असहिष्णुता, हिंदू नेताओं के मुसलमानों के खिलाफ आए दिन जहर उगलने जैसे मुद्दों पर आउटलुक की विशेष संवाददाता मौलाना महमूद मदनी से खास मुलाकात-
हिंसक प्रदर्शन के बाद शामली जिले में अब हालात सामान्‍य

हिंसक प्रदर्शन के बाद शामली जिले में अब हालात सामान्‍य

पहले रेल में दिल्‍ल्‍ाी से कांधला लौटते तबलीग जमात के लोगों से मारपीट कर माहौल खराब करने की कोशिश की गई है। जिसके विरोध में शनिवार को हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। हिंसक भीड़ ने जमकर उपद्रव मचाया। बीकानेर एक्‍सप्रेस पर पथराव किया और आगजनी की कोशिश की गई। इस दौरान कई आला अधिकारी और 16 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए समाजवादी पार्टी के स्‍थानीय विधायक नाहिद हसन सहित दो हजार से ज्‍यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बांग्लादेशः जमात नेता की फांसी नहीं टलेगी

बांग्लादेशः जमात नेता की फांसी नहीं टलेगी

बांग्लादेश की जमात ए इस्लामी पार्टी के एक शीर्ष नेता की फांसी की सजा के खिलाफ दायर आखिरी याचिका भी सोमवार को खारिज हो गई। अब उसे फांसी दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। यह सजा उसे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान लोगों पर अत्याचार करने के लिए सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्ववर्ती फैसले को कायम रखते हुए मोहम्मद कमर उज जमां की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
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