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चर्चा : कॉलेज परिसर में घूस का पाप। आलोक मेहता

चर्चा : कॉलेज परिसर में घूस का पाप। आलोक मेहता

लखनऊ के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ने शिक्षक द्वारा रिश्वत लेने के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली। छात्र को कक्षा में उप‌स्थिति के रिकॉर्ड के आधार पर परीक्षा प्रवेश पत्र मिलने से शिक्षक रोक रहा था। छात्र ने एक बार 20 हजार रुपया दे भी दिया और घूसखोर शिक्षक ने ज्यादा रकम मांगी। ऐसी मानसिक प्रताड़ना संपूर्ण शिक्षा-व्यवस्था और शासकीय तंत्र के लिए शर्मनाक है।
अब एएमयू कैंटीन की मेन्यू में बीफ की पेशकश पर विवाद

अब एएमयू कैंटीन की मेन्यू में बीफ की पेशकश पर विवाद

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में अब बीफ परोसे जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया के जरिये मुद्दे को और बढ़ा- चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय ने पूरे प्रकरण को एक साजिश बताया है वहीं दक्षिणपंथी संगठनों ने धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

यह लगभग चार साल पहले की बात है। भारत में अफसानानिगार सआदत हसन मंटों की 100वीं जन्मशताब्दी मनाई जा रही थी। दिल्ली और पंजाब में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। इस सिलसिले में एक कार्यक्रम दिल्ली में भी आयोजित हुआ जिसमें मंटो पर बात करने के लिए पाकिस्तान से कई अफसानानिगार और बुद्धिजीवि आए। उसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कहानिकार और पत्रकार इंतिजार हुसैन भी आए थे। वहीं उनसे पहली मुलाकात रही। हमेशा से इंतिजार हुसैन उतने ही भारतीयों के भी रहे जितने वह पाकिस्तान के थे। वह भी मंटो की बेबाक लेखनी के दीवाने थे। इंतजार साहब का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के दिबाई गांव में हुआ था। मंगलवार को 93 वर्षीय इस लेखक का पाकिस्तान में निधन हो गया। भारत में किस प्रकार सोशल मीडिया पर लोगों ने इंतिजार साहब को याद किया-
आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस के खतरे पर मुस्लिम धर्मगुरूओं से मिले राजनाथ

आईएसआईएस की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरूओं से मुलाकात की और आतंकी समूह के मंसूबों को नाकाम करने में उनका सहयोग मांगा।
महाराष्ट्र: रायगढ़ के मुरुड बीच पर डूबने से 13 छात्रों की मौत

महाराष्ट्र: रायगढ़ के मुरुड बीच पर डूबने से 13 छात्रों की मौत

महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में पड़ने वाले रायगढ़ में सोमवार को एक दर्दनाक हादसे ने लोगों को हिला कर रख दिया। रायगढ़ स्थित मुरुड बीच पर पिकनिक मानाने आए 12 छात्रों की समुद्र में डूब जाने की वजह से मौत हो गई। मरने वालों में तीन लड़कियां भी शामिल हैं। सभी छात्र पुणे से पिकनिक मनाने रायगढ़ के मुरुड बीच पर आए थे।
तीन मेडिकल छात्राओं की खुदकुशी, कॉलेज के रवैये से थीं परेशान

तीन मेडिकल छात्राओं की खुदकुशी, कॉलेज के रवैये से थीं परेशान

हैदराबाद में पीएचडी छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि तमिलनाडु में तीन मेडिकल छात्राओं की कथित आ‍त्‍महत्‍या का मामला सामने आया है। विल्लूपुरम में एक निजी मेडिकल कालेज की तीन छात्राओं ने अत्‍यधिक फीस के लिए प्रबंधन की प्रताड़ना के बाद एक कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। इस सिलसिले में चार व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
पाक हमला: आतंकियों से हीरो की तरह लड़ शहीद हुआ प्रोफेसर

पाक हमला: आतंकियों से हीरो की तरह लड़ शहीद हुआ प्रोफेसर

पाकिस्तान के बाचा खान यूनिवर्सिटी पर बुधवार की सुबह हुए आतंकी हमले में छात्रों की हिफाजत करने के लिए विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने कफी देर तक आतंकियों का मुकाबला किया। यूनिवर्सिटी में रसायनशास्त्र के असिस्टेंट प्रफेसर सैयद हामिद हुसैन ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से काफी देर तक आतंकियों काे चुनौती दी और अपने छात्रों की जान बचाते हुए आखिर में शहीद हो गए। आतंकी हमले में बचे छात्रों ने अपने इस प्रोफेसर के कारनामे के बारे में जानकारी दी है।
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।
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