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Search Result : "जातीय आधार पर जनगणना"

मनरेगा, जनधन, पेंशन के लिए भी आधार का स्वैच्छिक इस्तेमाल ठीकः सुप्रीम कोर्ट

मनरेगा, जनधन, पेंशन के लिए भी आधार का स्वैच्छिक इस्तेमाल ठीकः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार राशन और गैस सब्सिडी के लिए आधार को बनाया था आधार, इस बार उसका दायरा बढ़ाया, पर इसे बाध्यकारी नहीं बताया
आधार मामला: वृहद पीठ पर फैसला कल तक

आधार मामला: वृहद पीठ पर फैसला कल तक

उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र और सेबी तथा आरबीआई जैसी संस्थाओं को भरोसा दिया कि आधार कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ पीडीएस और एलपीजी योजनाओं तक सीमित करने के पूर्व के आदेश में संशोधन के लिए वृहद पीठ गठित करने की मांग करती याचिका पर कल शाम तक फैसला किया जाएगा।
किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

आधार कार्ड अनिवार्य करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला देते हुए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर रोक के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा है।
कर्ज लेने में आधार मददगार, स्थिति स्पष्ट करना जरूरीः राजन

कर्ज लेने में आधार मददगार, स्थिति स्पष्ट करना जरूरीः राजन

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने ऐसे समय में आधार कार्ड का पुरजोर समर्थन किया है, जब उच्चतम न्यायालय के फैसले से इसकी अनिवार्यता समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के इस्तेमाल से एक पात्र व्यक्ति को कर्ज लेने में मदद मिल सकती है और लीकेज बंद हो सकती है। शीर्ष अदालत से उन्होंने इस फैसले पर स्थिति और स्पष्ट करने की भी मांग की है।
अपराध घोषित हो 2 से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करना: तोगड़ि‍या

अपराध घोषित हो 2 से ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करना: तोगड़ि‍या

जनगणना के धर्म से जुड़े आंकड़ें सार्वजनिक होने के बाद प्रवीण तोगड़‍िया और साक्षी महाराज जैसे हिंदुत्‍ववादी नेताओं ने आबादी को लेकर मुस्लिमों पर हमले तेज कर दिए हैं।
पांच बच्चे हैं? शिवसेना देगी दो लाख रुपये

पांच बच्चे हैं? शिवसेना देगी दो लाख रुपये

ऐसा लगता है कि हिंदूवादी शक्तियों ने धार्मिक जनगणना के आंकड़ों को भुनाना शुरू कर दिया है। तभी तो शिवसेना की आगरा इकाई ने उन हिंदू परिवारों को दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है जिनके परिवार में पांच बच्चे होंगे।
मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

पिछले साल भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में क्या आई 1990 के दशक के मजहबी और जातिगत टकराव के गड़े मुर्दे मानो फिर से उखाड़े जाने लगे। एक तरफ जनगणना में धार्मिक समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के चुनिंदा आंकड़े पूर्वाग्रह के रंग में रंगकर धीरे-धीरे सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया में टपकाए जाने लगे और दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल और उसके परिवार के तरह-तरह के गेरुआधारी ‘पूतों फलों’ और ‘घर वापसी’ के भड़काऊ भाषणों के जरिये बहुसंख्यक समुदाय का भयादोहन कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध उन्माद पैदा करने की कोशिश करने लगे। नतीजतन देश में कई जगह अल्प तीव्रता वाले सांप्रदायिक उपद्रव होने लग गए, खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकारें थीं और आगे चुनाव होने थे।
जनगणना के धर्म संबंधी आंकड़े जारी, जाति के लिए अभी इंतजार

जनगणना के धर्म संबंधी आंकड़े जारी, जाति के लिए अभी इंतजार

केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए लेकिन अभी जाति आधारित जनगणना के नतीजे नहीं जारी हुए। जबकि कई राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।
आजादी विशेष | तकनीक से निजता में घुसपैठ की प्रक्रिया

आजादी विशेष | तकनीक से निजता में घुसपैठ की प्रक्रिया

नागरिकों की निजता खतरे में है। हर कदम पर यह खतरा महसूस होने लगा है। आधार कार्ड से लेकर डीएनए विधेयक तक और गली-मोहल्ले में कानून का हवाला देकर फैली नैतिक पुलिसिंग तक। मुंबई में पुलिस ने होटल पर छापा मारकर वहां कमरों में टिके युगलों को अपराधियों की तरह निकाला और उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें सार्वजनिक अश्लीलता संबंधी कानून के तहत दोषी बताया गया। क्या यह किसी सभ्य-परिपक्व राज्य की निशानी है। नहीं।
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