टी.वी. समाचार चैनलों की खबरें देखने पर आपको आशंका होती होगी कि दक्षिण चीन सागर पर लड़ाकू विमान उड़ने या मिसाइलयुक्त पनडुब्बियां घूमने अथवा हिमालय की पर्वत शृंखलाओं से लगी भारत-चीन सीमाओं पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों से कहीं युद्ध का खतरा तो नहीं मंडरा रहा है। यदा-कदा किसी नेता, सैन्य अधिकारी या प्रवक्ता की कड़ी चेतावनी चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ईरान, दक्षिण अफ्रीका में भी सुनी जा सकती है। महाशक्तियों को अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कई बार कड़ा रुख दिखाना पड़ता है। भारत अब उन्हीं शक्तिशाली देशों के साथ उठने-बैठने लगा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता खत्म करने के लिए जी 20 के सदस्य देशों का आहवान करते हुए साफ किया कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ पहल करने के वास्ते पूर्ण प्रतिबद्धता और आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने की जरूरत है। चीन के पूर्वी भाग में स्थित हांगझोउ शहर में आयोजित जी 20 सम्मेलन के दूसरे दिन मोदी ने अपने भाषण में कहा कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार, कालाधन और करचोरी से निपटना महत्वपूर्ण है।
चीन में जी 20 की बैठक के पहले भारत और वियतनाम ने अपने सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाने का संकेत देते हुए रक्षा, आईटी, अंतरिक्ष, दोहरे कराधान से बचाव और मालवाहक पोतों संबंधी वाणिज्यिक नौवहन सूचना साझा करने समेत विभिन्न क्षेत्रों जुड़े 12 करार किए हैं। हनोई में इस मौके पर मोदी और वियतनाम के पीएम नुएन शुएन फुक ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मोदी ने वियतनाम के साथ भारत के मजबूत संबंधों को अहम बताया।
पेरिस पर हुए हमले के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को लेकर पश्चिमी देशों के गुस्से के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सनसनीखेज बयान दिया है। पुतिन ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट को 40 देशों से फंडिंग मिल रही है, जिसमें जी-20 से जुड़े देश भी शामिल हैं। पुतिन ने दावा किया है कि आईएस को फंडिंग करने वाले देशों की पूरी जानकारी उनके पास मौजूद है।
पेरिस में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद की इस बुराई से लड़ने के लिए फौरन एकीकृत वैश्विक प्रयास किये जाने की आवश्यक्ता है। तुर्की में ब्रिक्स देशों के नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में तुरंत एकीकृत वैश्विक प्रयासों की आज जितनी जरूरत है, वैसी पहले कभी नहीं थी।