Advertisement

Search Result : "जेएनयू परिसर"

जेएनयू में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत पर दंड का प्रावधान

जेएनयू में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत पर दंड का प्रावधान

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने यौन उत्पीड़न को लेकर एक नई नीति की अधिसूचना जारी की है जिसमें झुठी शिकायतों के लिए भी दंड का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि पिछले दो साल के दौरान दिल्ली के किसी अन्य संस्थान की तुलना में जेएनयू में यौन उत्पीड़न की सर्वाधिक शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
योग व संस्कृति पाठ्यक्रम के प्रस्ताव को जेएनयू ने ठुकराया

योग व संस्कृति पाठ्यक्रम के प्रस्ताव को जेएनयू ने ठुकराया

भारतीय संस्कृति और योग में लघु-अवधि पाठ्यक्रम शुरू करने के एक प्रस्ताव को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद ने खारिज कर दिया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ संवाद के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इस प्रस्ताव के साथ आगे आया था।
क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

सुब्रह़मण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद़यालय का कुलपति बनाने की चर्चा इतनी तेजी से शुरू हुई कि प्रायः हर किसी ने इसे सच मान लिया। अकादमिक दुनिया कान लगाकर आहट सुनने लगी। इस पर मीडिया माध्यमों से लेकर बौद्ध‍िक तबके में विमर्श का दौर शुरू हो गया और सुब्रह़मण्यम स्वामी की टिप्पणियां भी सामने आ गई। उन्होंने अपनी योजनाएं भी बता दीं कि वे जेएनयू में किस प्रकार नक्सलियों और ड्रग्स के शिकार लोगों को काबू में करेंगे। यह अपेक्षा भी जता दी कि सरकार उन्हें खुली छूट दे तो वे काम करने को तैयार हैं।
'यह जेएनयू और स्वामी दोनों को प्रताड़ित करने जैसा होगा'

'यह जेएनयू और स्वामी दोनों को प्रताड़ित करने जैसा होगा'

अर्थशास्त्री, लेखक, प्रोफेसर, वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए जाने की संभावनाओं पर दिन भर सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी रही। मीडिया में आई खबरों के अनुसार मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए स्वामी का नाम प्रस्तावित किया है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसमें कितनी सच्चाई है यह भी नहीं पता लेकिन दिनभर इसपर तीखी प्रतिक्रियाएं आती रहीं-
अमित शाह ने मोदी को दिया डीयू व जेएनयू की कामयाबी का श्रेय

अमित शाह ने मोदी को दिया डीयू व जेएनयू की कामयाबी का श्रेय

दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी को मिली सफलता से उत्साहित होते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन सफलताओं का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।
जेएनयू छात्रसंघ: लेफ्ट का दबदबा लेकिन एबीवीपी की वापसी

जेएनयू छात्रसंघ: लेफ्ट का दबदबा लेकिन एबीवीपी की वापसी

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में वामपंथियों का दबदबा इस बार भी कायम रहा है। पहली बार अध्‍यक्ष पद पर सीपीआई समर्थित ऑल इंडिया स्‍टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) का उम्‍मीदवार जीता है लेकिन 14 साल बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी जेएनयूएसयू सेंट्रल पैनल में वापसी करने में कामयाब रही। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में सभी सीटों पर जीतने वाली एबीवीपी के लिए यह एक बड़ी सफलता है। हालांकि, जेएनयू अभी भी लेफ्ट का गढ़ है लेकिन एबीवीपी का असर बढ़ रहा है।
सोनिया और राहुल गांधी का संसद परिसर में धरना

सोनिया और राहुल गांधी का संसद परिसर में धरना

लोकसभा में 25 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस का विरोध जोर पकड़ रहा है। आज कांग्रेस सांसदों ने पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने नेतृत्‍व में संसद भवन परिसर में महात्‍मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। राहुल गांधी ने कहा व्यापमं, ललितगेट और भूमि विधेयक के मुद्दे पर हम पूरे देश में सरकार को घेरेंगे। इस बीच, संसद के दोनों सदनों में भी गतिरोध बरकरार रहा।
गद्दाफी स्टेडियम के निकट विस्फोट, पुलिसकर्मी की मौत

गद्दाफी स्टेडियम के निकट विस्फोट, पुलिसकर्मी की मौत

गद्दाफी स्टेडियम के निकट शुक्रवार रात एक आत्मघाती हमले में उस पुलिसकर्मी की मौत हो गई जिसने हमलावर को क्रिकेट परिसर को निशाना बनाने से रोका था।
आईआईटी-एम परिसर के बाहर किया प्रदर्शन

आईआईटी-एम परिसर के बाहर किया प्रदर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित आलोचना पर छात्रों के एक संगठन की मान्यता रद्द कर दिए जाने के विरोध में यहां आईआईटी मद्रास के बाहर एक सड़क को बंद करने का प्रयास करने के लिए वामपंथी छात्रा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कई कार्यकर्ताओं को आज हिरासत में ले लिया गया।
भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्‍वाइसेस’ या विकल्‍पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement