कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।
जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली सरकार की मजिस्ट्रेट जांच में कन्हैया कुमार को क्लीन चिट दिया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार जेएनयू में आयोजित उस विवादित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भारत विरोधी नारेबाजी करने का कोई सबूत नहीं पाया गया। पुलिस ने इसी आरोप के आधार पर कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े छह बजे कन्हैया को जेल से रिहा किया गया और वह वापस जेएनयू पहुंच चुके हैं।
विपक्ष ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय मुद्दों के बारे में कथित तौर पर गलतबयानी और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस की मांग दोनों सदनों में उठाई जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने मांग की कि स्मृति को गलत बयान देने के लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
जेएनयू में वामपंथ का गहरा प्रभाव रहा है। यहां वैकल्पिक विचारधारा को वैधानिक, नैतिक स्थान नहीं दिया गया। इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के सभी अवशेष-माओवाद से लेकर ट्राटस्कीवाद तक मिल जाएंगे।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद कन्हैया को अदालत ने कुछ शर्तों के साथ छह महीने की अंतरिम जमानत दी है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने आज दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त के रूप में प्रभार संभाल लिया है। वर्मा ने इस पद को एक ऐसे समय पर संभाला है, जब जेएनयू प्रकरण से निपटने को लेकर दिल्ली पुलिस आलोचनाओं का सामना कर रही है।
आईआईटी बॉम्बे के शिक्षकों के एक समूह ने कहा है कि उच्च शिक्षा के कुछ संस्थान ऐसी गतिविधियों की शरणस्थलियां बन गए हैं, जो राष्ट्रहित में नहीं हैं। शिक्षकों के इस समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की है कि वे छात्रों को परिसरों में विचारधाराओं के युद्ध का पीड़ित न बनने का संदेश दें।