Advertisement

Search Result : "जेडीयू नेता विजयेंद्र यादव"

चर्चाः इतना डिजिटल न हो जाओ कि पास जाना हो मुश्किल

चर्चाः इतना डिजिटल न हो जाओ कि पास जाना हो मुश्किल

राजीव गांधी की कंप्यूटर क्रांति या नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी की डिजिटल क्रांति से दिख रही प्रगति को सलाम ही किया जाएगा। हां, राजीव युग में बदलाव के साथ नए-पुराने लोगों और टेक्नोलॉजी का समन्वय था। मोदीजी की डिजिटल क्रांति में सब कुछ बदला हुआ दिखना जरूरी है।
युद्ध अपराध के लिए फांसी चढ़ेगा यह नेता

युद्ध अपराध के लिए फांसी चढ़ेगा यह नेता

बांग्लादेश 1971 में पाकिस्तान के विरूद्ध मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों के लिए कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी को फांसी देने की तैयारी में है। शीर्ष अदालत द्वारा मृत्युदंड की सजा बरकरार रखने के बाद अधिकारियों ने आज 72 वर्षीय निजामी को फांसी का आदेश दिया।
अखिलेश सरकार के चार साल : उपलब्धियों के साथ वादे निभाने की चुनौतियां भी

अखिलेश सरकार के चार साल : उपलब्धियों के साथ वादे निभाने की चुनौतियां भी

ग्रामीण जनाधार वाली पार्टी की पहचान से इतर नया कलेवर लेकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में आयी समाजवादी पार्टी सरकार मंगलवार को अपने गठन के चार साल पूरे कर लेगी। इस दौरान अखिलेश यादव सरकार ने जहां प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के कई अच्छे प्रयास किये वहीं कानून-व्यवस्था इस पूरी अवधि में बड़ा सवाल बनी रही।
विधानसभा की जोर-आजमाइश में बुजुर्ग नेता

विधानसभा की जोर-आजमाइश में बुजुर्ग नेता

भारतीय जनता पार्टी में जहां 75 साल से ज्यादा की उम्र वाले नेताओं को राजनीति से रिटायर करने की बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कर चुके हैं, वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में कई राज्यों में विभिन्न पार्टियों के वयोवृद्ध नेता मैदान में उतर रहे हैं। वाममोर्चा और कांग्रेस में कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जो 80 साल से ज्यादा की उम्र के हैं। केरल से माकपा के वयोवृद्ध नेता वीएस अच्युतानंदन मैदान में हैं, जो 92 साल के हैं। बंगाल वाममोर्चा के कई ऐसे नेता हैं, जो 75 पार कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु 90 साल से ज्यादा की उम्र तक राजनीति में सक्रिय रहे। दोनों राज्यों में कांग्रेस के भी कई नेता ऐसे हैं, जो उम्र के आठवें पड़ाव में पहुंच चुके हैं।
चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

चर्चाः धन जनता का, चमके चेहरे मंत्रियों के | आलोक मेहता

रेडियो पर एक गाना बहुत बजता है- ‘चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।’ यों यह गीत प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है। लेकिन नेताओं-मंत्रियों के लिए इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लगाए जाते हैं। भोली भाली जनता चेहरे और वायदे पर वोट दे देती है। फिर खून-पसीने की मेहनत की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने को देती है। इसी सरकारी खजाने की रकम से सरकार में बैठे प्रभावशाली नेता-मंत्री अपना चेहरा चमकाए रखना चाहते हैं।
भाजपा-सपा का गठजोड़

भाजपा-सपा का गठजोड़

उत्तर प्रदेश के विधान परिषद के चुनाव में जिस तरीके से भाजपा उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस किया उसे लेकर सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि कहीं यह सपा-भाजपा का गठजोड़ तो नहीं है। क्योंकि भाजपा ने बड़े जोर-शोर से विधान परिषद का चुनाव लडऩे की तैयारी की।
शिवपाल सिंह यादव का खास जन्मदिन

शिवपाल सिंह यादव का खास जन्मदिन

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ के साथ-साथ दिल्ली के एक नामी-गिरामी होटल में भी अपना जन्मदिन मनाया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement