बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम की अपकमिंग फिल्म 'परमाणु- द स्टोरी ऑफ पोकरण' का फर्स्ट लुक रिलीज कर दिया गया है। जॉन ने फिल्म के पोस्टर को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें एक नक्शा बना है जिस पर जॉन का चेहरा दिखाया गया है।
उत्तर कोरिया ने अपने मुख्य सहयोगी और कूटनीतिक समर्थक चीन की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि चीन को उसकी रक्षा के लिए आभारी होना चाहिए। उत्तर कोरिया की सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चीन ने उसके संयम की परीक्षा ली तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अत्याधुनिक और देश की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि सुरंग के बनने के बाद सुरक्षा से लेकर आर्थिक क्षेत्र में काफी लाभ होगा। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सुरंग के निर्माण के लिए बधाई दी। पीएम ने सुरंग के अंदर जीप से यात्रा भी की। वह थोड़ी देर वहां पैदल भी चले।
परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए बनी नीति पर भारत के बदले रुख से पड़ोसी पाकिस्तान परेशान सा दिख रहा है। या यूं कहें कि परमाणु हथियार पॉलिसी में 'नो फर्स्ट यूज' पर भारत के बदलते विचार से पाकिस्तान घबराया हुआ है।
आस्ट्रेलिया सरकार की कोष प्रबंधक कंपनी ने भारत की दिग्गज कंपनी अडाणी की क्वींसलैंड में 21 अरब डालर की विवादास्पद कोयला खान परियोजना में निवेश को लेकर रूचि दिखायी है।
अमेरिका में दक्षिण एशियाई मामलों के एक शीर्ष परमाणु विशेषज्ञ ने दावा किया है कि अगर भारत को यह आशंका हुई कि पाकिस्तान उस पर परमाणु हथियार से आक्रमण कर सकता है तो वह परमाणु का पहले इस्तेमाल नहीं करने की अपनी नीति को संभवत: त्याग सकता है और पाकिस्तान के खिलाफ उसके हमले से पहले ही हमला कर सकता है।
महान क्रिकेटर इयान और ग्रेग चैपल समेत आस्ट्रेलिया की जानी-मानी हस्तियों ने भारत के प्रमुख व्यवसायी गौतम अडानी से क्वींसलैंड में कोयले की खान की विवादास्पद परियोजना को रद्द करने की अपील की।
नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए आज शिवसेना ने कहा है कि इस फैसले के जरिए उन्होंने देश पर परमाणु बम गिराया है और अर्थव्यवस्था को हिरोशिमा और नागासाकी में तब्दील कर दिया है।
राजग सरकार की महत्वाकांक्षी 9,393 करोड़ रूपये की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के 2017 की पहली तीमाही से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है और इस परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।