विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।
दिल्ली में जन्मी योगिता यादव का पहला कहानी संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ के आठवें नवलेखन पुरस्कार से सम्मनित किया गया और बाद में वहीं से प्रकाशित हुआ। कहानी झीनी झीनी रे चदरिया को अपने खास शिल्प के कारण आठवें अखिल भारतीय कलमकार कहानी प्रतियोगिता में दि्वतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्हें जम्मू कश्मीर के विशेष सांस्कृतिक अध्ययन के लिए संस्कृति मंत्रालय से जूनियर फैलोशिप मिल चुकी है। वह पिछले 13 सालों से पत्रकारिता में भी सक्रीय हैं। फिलवक्त दैनिक जागरण के जम्मू संस्करण में कार्यरत।
केरल के लेखक अनीस सलीम को इंडियन फिक्शन श्रेणी में उनकी किताब ‘द ब्लाइंड लेडीज डेसेंडैंट्स’ के लिए रेमंड क्रॉसवर्ड बुक अवॉर्ड मिला है। जबकि सामंत सुब्रमण्यम को उनकी पुस्तक ‘दिस डिवाइडेड आईलैंड: स्टोरीज फ्रॉम द श्रीलंकन वार’ के लिए गैर फिक्शन श्रेणी में यह पुरस्कार मिला है।
सन 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी लेखक भालचंद्र नेमाड़े को दिया जाएगा। नेमाड़े अपने उपन्यास हिंदू – जगण्याची अड़गळ के लिए जाने जाते हैं। मराठी भाषा में अड़गळ का अर्थ होता है ऐसा कबाड़ जो संभाल कर रखा जाता है। ऐसे कबाड़ को परिभाषित करने वाले नेमाड़े बहुत बेबाकी से बोलते हैं।
दुनिया भर में बॉडी बिल्डर्स के मसीहा और टर्मिनेटर फिल्म के अभिनेता ऑर्नल्ड श्वार्जनेगर को इंटरनेशनल लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया है। यह अवॉर्ड उन्हें जर्मनी के हैमबर्ग में आयोजित गोल्डन कैमरा पुरस्कार समारोह में दिया गया। श्वार्जनेगर को ‘ट्विन्स’ में उनके सह कलाकार डैनी डेविटो ने इस पुरस्कार से नवाजा। दोनों एक साथ 1988 में बेहद सफल कॉमेडी फिल्म ‘ट्विन्स’ के रिलीज होने के 27 साल बाद दिखे। फिल्म में दोनों ने जुड़वां भाईयों की भूमिका निभाई थी।
87 वें ऑस्कर पुरस्कारों का इंतजार खत्म हो गया। अच्छी, सबसे अच्छी और श्रेष्ठ फिल्मों के बीच की खूबियां पता चल गईं। इस बार किसी एक फिल्म की धूम नहीं रही और भारत के हाथ फिर निराशा हाथ लगी। विदेशी भाषा फिल्म की श्रेणी में भारत की फिल्म कोई जगह नहीं बना पाई। भारत ने इस बार लायर्स डाइस फिल्म इस श्रेणी के लिए भेजी थी
दुनिया के मशहूर फिल्मकार और फ्रांसीसी न्यू वेव सिनेमा के संस्थापक सदस्य ज्यां लुक गोदार को 2015 के स्विस फिल्म ऑनररी अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह 13 मार्च को जिनीवा में होगा।
मराठी के जाने माने साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नेमाड़े देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान पाने वाले 55वें साहित्यकार हैं। इससे पहले पांच दफा यह पुरस्कार संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था।