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Search Result : "झारखंड साहित्य सेवी सम्मान"

उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

डेढ़ दशक पहले बने झारखंड में पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री ने राज्य की सत्ता संभाली है। बीते वर्षों में यह राज्य घोटालों और राजनीतिक अस्थिरताओं के कारण चर्चा में रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह राज्य विकास के मामले में लगातार पिछड़ता रहा। करीब नौ महीने के कार्यकाल में रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया। उनसे आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज ने सरकार की योजनाओं और विकास को लेकर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
एमएसजी-2 पर पंजाब-झारखंड में उबाल

एमएसजी-2 पर पंजाब-झारखंड में उबाल

झारखंड सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड (एमएसजी-2) को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया। फिल्म को कथित तौर पर आदिवासियों के संबंध में की गई विवादित टिप्पणियों के चलते प्रतिबंधित किया गया है।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
एक पत्रकार जो फिल्म की कहानी बन गया

एक पत्रकार जो फिल्म की कहानी बन गया

गरीबी और भ्रष्टाचार को कैमरे से कैद करने वाला एक युवा पत्रकार खुद फिल्म की कहानी बन गया। वह छोटे-छोटे सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और गरीबी पर वीडियो बना उन्हें इंटरनेट पर लोड कर देता। उसकी कहानियां वाशिंगटन डीसी के लॉयरेल ग्वीज डेक और ग्रेगरी वॉल्स ने देखी तो उसपर फिल्म बनाने के लिए भारत आ पहुंचे। फिल्म लगभग तैयार है।
“शिक्षक थे इसलिए आईएस ने यातना नहीं सम्मान दिया”

“शिक्षक थे इसलिए आईएस ने यातना नहीं सम्मान दिया”

आईएस के चंगुल से रिहा होकर भारत पहुंचे लक्ष्मीकांत और विजय कुमार ने बताया कि शिक्षक होने के नाते उन्हें प्रताड़ित नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर आप विश्वविद्यालय के शिक्षक हो तो आपने हमारे छात्रों को पढ़ाया होगा, इसलिए हम आपको छोड़ रहे हैं। आप भारत जाकर इस्लाम अपना सकते हैं।
जमशेदपुर में सीखिए डाइविंग

जमशेदपुर में सीखिए डाइविंग

टाटा मोटर्स झारखंड सरकार के साथ मिलकर जमशेदपुर में डाइविंग प्रशिक्षण और शोध केंद्र की स्थापना अगले दो साल के अंदर करने की तैयारी कर रहा है। जहां हर साल तीन हजार लोगों को डाइविंग प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ पंद्रह हजार तक डाइवरों का रिफ्रेशर कोर्स भी आयोजित किया जाएगा।
संजीव चतुर्वेदी, अंशु गुप्ता को रैमन मैगसायसाय सम्मान

संजीव चतुर्वेदी, अंशु गुप्ता को रैमन मैगसायसाय सम्मान

संजीव चुतर्वेदी और अंशु गुप्ता को इस साल का रैमन मैगसायसाय सम्मान देने की घोषणा की गई है। संजीव चतुर्वेदी ने एम्स में मु्ख्य सतर्कता अधिकारी रहते हुए भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया। अंशु गुप्ता गूंज संस्था की संस्थापक हैं।
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