प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं का भरपूर लाभ उठा रहा है अडानी समूह। चीन के साथ शनिवार को हुए 26 कारोबारी समझौतों में अडानी और भारती समूह की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है।
चहूं ओर मोदी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर तरफ नजर आ रहे हैं। पिछले एक साल में जितनी भी योजनाएं शुरू की गईं, वे सब उन्होंने शुरू कीं। देश-विदेश में रणनीति-कूटनीति उनके कंधों पर ही है। सोशल मीडिया में इस देश के वास्कोडीगामा कहे जाने वाले इस प्रधानमंत्री ने एक साल के भीतर 18 देशों की यात्रा कर ली। यहां तक कि जब उनकी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है तब भी वह विदेशी जमीन पर नए श्रोताओं से मुखातिब हो रहे हैं। उनके समर्थक इसे नई गतिशील कूटनीति बताते हैं तो आलोचक इसे देश की समस्याओं से मुंह मोडऩा कहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन दिन की चीन यात्रा के शनिवार को अंतिम दिन भारत और चीन की कंपनियों के बीच 22 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के 26 व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। चीन से समझौते के बाद मोदी मंगोलिया के लिए रवाना हो गए।
विश्व की 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में से 56 भारत में हैं। यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है।
टाटा मोटर्स ने डीजल नैनो कार बाजार में उतारने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी है। वाहन में संशोधन और इसके आर्थिक पहलुओं को देखते हुए कंपनी निकट भविष्य में डीजल नैनो का उत्पादन नहीं करेगी।
दुनिया भर में पेट्रोलियम पदार्थों के गिरते दामों की शिकार भारत में अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड भी हो गई है। एक सप्ताह पहले तक सेसा स्टरलाइट के नाम से जानी जाने वाली कंपनी ने भारतीय कारोबारी जगत में अब तक के सबसे बड़े करीब 20 हजार करोड़ रुपये के गुडविल नुकसान की घोषणा की है।
प्रवासी उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से खुश हैं। ब्रिटेन के कपारो समूह के अध्यक्ष पॉल पिछले दिनों निवेश करने करने की योजनाएं लेकर भारत आए थे। इस दौरान पॉल से आउटलुक ने बातचीत की। पेंश है प्रमुख अंश-
आतंकवाद विरोधी अमेरिकी अभियानों की निंदा करने के मकसद से ट्यूनीशियाई इस्लामी आतंकवादियों के बेल्जियम में एक सरकारी पोर्टल पर कब्जा करने के कुछ ही दिनों बाद हैकरों ने एक शीर्ष समाचार प्रकाशक पर साइबर हमला किया है।-
आए दिन रेल दुर्घटनाओं और आर्थिक संकट की त्रासदी झेल रहे भारतीय रेल के लिए आखिरकार कायाकल्प परिषद का गठन हो ही गया, जैसाकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने बजट भाषण में वादा किया था।