सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई को स्थायी हल नहीं बताते हुए पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा है कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई की सफलता की असली परीक्षा नियंत्रण रेखा पर शांति कायम होने और घुसपैठ में कमी आने या नहीं आने से होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सोलह दिसंबर सामूहिक बलात्कार मामले पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज डॉटर’ पर पाबंदी में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
अभिव्यक्ति की आजादी के लिए यह वर्ष नाटकीय रहा है। यह इंडियाज डॉटर पर सेंसरशिप से लेकर श्रेया सिंघल फैसले के उत्साह और फिर गुपचुप तरीके से इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी को ब्लॉक करने की सरकारी कोशिश के बीच झूलता रहा। हालांकि हर घटना ने अलग-अलग नाराजगी पैदा की मगर सच यही है कि ये सभी जुड़ी हुई हैं। ये सभी अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे को दूर रखने वाले संवैधानिक सुरक्षा उपायों में मौजूद खामियों को बताने वाले चेतावनी संकेत हैं।
भारत में भारत की बेटियों (इंडियाज डॉटर्स) पर बनी फिल्म देखना चाहे तो नहीं देख सकते, इस पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र में कोई गौ-मांस से बनी कोई डिश खाना चाहे, वह नहीं खा सकता, उसे बेचना चाहे नहीं बेच सकता-इस पर प्रतिबंध है। केरल या गुजरात में शराब का सेवन करना चाहे नहीं कर सकते, इस पर प्रतिबंध है।
निर्भया पर बनी विवादित फिल्म की ब्रितानी फिल्मकार का कहना है कि सामूहिक बलात्कार पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भारत का प्रतिबंध बहुत लंबा नहीं चलेगा। यह विचार फिल्मकार लैस्ली उडविन ने अमेरिका में पीटीआइ-भाषा के सामने व्यक्त किया।
सोलह दिसंबर के बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार कांड के एक मुजरिम के साक्षात्कार से जुड़ी विवादास्पद डॉक्यूमेंटी के प्रसारण पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सरकार से बीबीसी के वृतचित्र के प्रसारण पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। इस वृतचित्र में 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एचं हत्या के बाद की स्थिति को दर्शाया गया है। गिल्ड ने कहा है कि यह कदम गैर जरूरी था।