सरकार ने कहा कि उसने ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान कर ली है, जिन्हें नोटबंदी का सरकारी फरमान जारी होने के बाद के सप्ताहों में किए गए बड़े कैश लेनदेन के स्रोत की जानकारी देनी होगी। यह कदम इनकम टैक्स विभाग के ऑपरेशन क्लीन मनी/स्वच्छ धन अभियान कार्यक्रम के तहत उठाया जाएगा।
व्यक्तिगत आयकरः 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
व्यक्तिगत आयकर की दर 2.5 लाख से 5 लाख की कर दर 5 फीसदी, पहले यह 10 फीसदी थी
पांच लाख तक आय वाले लोगों के लिए एक पेज का आयकर रिटर्न
व्यापार करने में सुगमता का माहौल विकसित करने के लिए सरकार ने पहले भी कई कदम उठाए हैं और अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कई अन्य उपायों की घोषणा की है।
भारत में भले ही 90 फीसदी लोग अपना सारा लेन-देन नगद करते हों मगर भविष्य में ऐसा करना भारी पड़ सकता है। दरअसल सरकार इसपर विचार कर रही है कि क्या नगद ट्रांजेक्शन पर किसी प्रकार का कर लगाया जा सकता है।
एक ओर जहां आम लोग दो हजार रुपये हासिल करने के लिए एक-एक एटीएम पर सैकड़ों की संख्या में खड़े हैं और हर बैंक में हजारों लोगों के कतार में खड़े होने के दृश्य आम हैं वहीं देश के राजनीतिक दलों को करोड़ों रुपये की टैक्स छूट पर अब सवाल उठने लगे हैं।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लाखों रोजाना यात्रियों को राहत देने वाले फैसले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज आदेश दिया कि आठ लेन वाले और 9.2 किलोमीटर लंबे दिल्ली नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईओवर का प्रयोग करने वालों से अब टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा।
जीएसटी परिषद प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों पर यहां दो दिन चली बैठक में आमसहमति की ओर झुकाव के बावजूद फैसला नहीं कर सकी और इस पर निर्णय अगले महीने के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, केंद्र और राज्य विलासिता की वस्तुओं तथा अहितकर उत्पादों पर उच्चतम दर के साथ उस पर उपकर लगाने को लेकर सहमति की दिशा में बढ़ चुके हैं।
बंगाल विधानसभा में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक पर मुहर नहीं लगने का खामियाजा वहां के वित्त मंत्री अमित मित्र को उठाना पड़ रहा है। जीएसटी परिषद में अमित मित्र को उपाध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव है, जिसे लेकर भाजपा शासित राज्यों ने आपत्ति जताई है। इन राज्यों को वित्तमंत्रियों ने आपत्ति जताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यू-टर्न से नॉर्थ ब्लॉक चिंता में है। विधानसभा का अल्पकालीन सत्र बुलाकर जीएसटी के संविधान संशोधन विधेयक पर मुहर लगाने की बात थी, लेकिन आखिरी मौके पर ममता बनर्जी ने समय के अभाव में इस पर चर्चा नहीं कराने का फैसला किया। अब इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी को मनाने में जुट गए हैं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली। श्री जेटली चाहते हैं कि ममता बनर्जी को जो गलतफहमियां हो गई हैं, उन्हें दूर कर लिया जाए। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इसी कारण केंद्रीय वित्त सचिव अशोक लवासा को कोलकाता भेजने का फैसला किया गया है, जो वहां के वित्त मंत्री अमित मित्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और अफसरों के साथ बैठक कर जीएसटी की राह आसान करने की कोशिश करेंगे।