देश में कैशलेस व्यवस्था को स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार बड़े कैश विड्रॉवल पर टैक्स लगाने का मसौदा तैयार कर रही है। इस मसौदे को अगर सरकार मंजूरी दे देती है तो 1 फरवरी को बजट 2017-18 में इसके लिए प्रावधान की घोषणा कर दी जाएगी।
तमिलनाडु के मुख्य सचिव राम मोहन राव के चेन्नई में अन्ना नगर स्थित आवास पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आयकर विभाग ने यह छापा शेखर रेड्डी से मिली जानकारी के बाद मारा है। अन्ना नगर के अलावा 12 अन्य जगहों पर भी कार्रवाई जारी है।
सरकार कॉल ड्रॉप पर दूरसंचार उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया जानने के लिये टॉल फ्री नंबर 1955 शुरू करने की योजना बना रही है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, कॉल ड्रॉप पर आईवीआरएस सिस्टम के लिये शार्ट कोड 1955 आवंटित किया गया है।
यातायात में सुगमता तथा नकदी संकट को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2 दिसंबर मध्यरात्रि तक टोल फ्री कर दिया है। सरकार ने इसके साथ ही यह भी घोषणा की है कि टोल प्लाजा पर 2 दिसंबर की मध्यरात्रि से 15 दिसंबर तक पुराने 500 के नोट स्वीकार किए जाएंगे।
करीब 100 दिन से कश्मीर में हो रहे बंद से अलगाववादियों के खिलाफ सूबे के टैक्सी आपरेटर भड़कने लगे हैंं। आपरेटर अलगावादियों के खिलाफ दो बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। फिलहाल अलगाववादी और उनके समर्थक आपरेटरों को नुकसान की भरपाई का भरोसा देकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हिंसक झड़पों में भारी कमी से घाटी में जल्द ही जन-जीवन सामान्य होने की उम्मीद बढ़ गई है।
बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
राजनीतिक दलों को टैक्स छूट खत्म करने के सुझाव को सरकार ने खारिज कर दिया है। उसने कहा है कि ये देश में राजनीतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और लोकतंत्र के हित में उन्हें नियंत्रित करने के लिए जरूरी है।
हमारे देश में माननीयों को अगर रेलवे फ्री टिकट देना बंद कर दे तो उसकी आय में काफी इजाफा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने रेलवे की आय बढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट में सुझाव मांगे है। जिसमें लोगों नेे उत्साह से भाग लेकर इस तरह का रोचक सुझाव दिया।
महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?