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Search Result : "डीएनए प्रोफाइलिंग विधेयक"

विधेयक पास करने के लिए भाजपा की रणनीति

विधेयक पास करने के लिए भाजपा की रणनीति

भाजपा ने अपने सांसदों को निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण, कोयला तथा खान जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने के समय वे संसद के अपने अपने सदनों में पूरे दिन मौजूद रहें।
भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पास

भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पास

भूमि अधिग्रहण अधिनियम विधेयक विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में पास हो गया। कुल 11 संशोधनों के साथ भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हुआ। इससे पहले विपक्ष ने एकजुट होकर कहा कि सरकार ने इस प्रस्ताव में केवल कारपोरेट के हितों को ध्यान में रखा है। कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सदन से वॉक आउट किया।
लोकसभा: सोमवार को भूमि विधयक पर चर्चा

लोकसभा: सोमवार को भूमि विधयक पर चर्चा

विवादास्पद भूमि विधेयक को सरकार सोमवार को लोकसभा में विचार के लिए ला सकती है। इसके साथ ही वह इस बारे में सहयोगी दलों, विपक्ष और किसान संगठनों की आपत्तियों को दूर करने के लिए इसमें कुछ संशोधन करने का मन भी बना रही है।
भोज में मोदी ने लिया उत्तर प्रदेश का सियासी जायजा

भोज में मोदी ने लिया उत्तर प्रदेश का सियासी जायजा

उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव साल 2017 में है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से प्रदेश का सियासी जायजा लेना शुरु कर दिया है ताकि जो संगठन में कमियां है उसे दूर किया जा सके।
लोकसभा में वीमा विधेयक पेश

लोकसभा में वीमा विधेयक पेश

मोदी सरकार ने लोकसभा में वीमा विधेयक पेश कर दिया है। इस विधेयक में वीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने की वकालत की गई है। पिछले साल मोदी सरकार इस सिलसिले में एक अध्यादेश जारी कर चुकी है।
भूमि अधिग्रहण पर कितना अड़ेगी सरकार

भूमि अधिग्रहण पर कितना अड़ेगी सरकार

विपक्ष के भारी विरोध और वॉकआउट के बीच सरकार ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पेश कर दिया। लेकिन सरकार इस विधेयक को लेकर कितना अड़ियल रूख अपनायेगी यह अभी साफ नहीं है।
नागरिकों की निजता में डीएनए की सेंध

नागरिकों की निजता में डीएनए की सेंध

डीएनए प्रोफालिंग बिल पर समिति की रिपोर्ट पूरी, सरकार बिल लाने की तैयारी में। भारत में भेदभावमूलक व्यवहार की लंबी परंपरा रही है और इसमें इस तकनीक का दुरुपयोग किया जा सकता है, जैसे घुमंतू जनजातियों-विमुक्त जनजातियों को अपराधी माना जाता रहा है। इसके अलावा आबादी के आधार पर भी भेदभाव किया जा सकता है और इससे जाति और धर्म राजनीति बहुत गहराई से प्रभावित होने की आशंका है। अल्पसंख्यक समुदाय पहले से ही प्रोफाइलिंग का शिकार है।
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