कहते हैं इरादे मजबूत हो तो इंसान के लिए कोई काम कठिन नहीं होता। बारह साल की श्रद्धा शुक्ला ने कुछ ऐसा ही इरादा बनाया है कि वह उफनाती गंगा में 570 किलोमीटर की सफर तय करेगी।
रियो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाजों के पदक नहीं जीत पाने की नैतिक जिम्मेदारी लेने को तैयार राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा कि पिछले चार साल से चला आ रहा प्रशासनिक गतिरोध भी उस खेल की दुर्दशा के लिये जिम्मेदार है जो कभी तेजी से प्रगति कर रहा था।
मैराथन में 42 किलोमीटर दौड़ लगाकर बेहोश हुई महिला खिलाड़ी ओपी जैशा ने कहा है कि एथलीट एसोसिएशन ने न तो रास्ते में पानी का इंतजाम किया, न ही समुचित सुविधाएं जुटाई। यही नहीं एसोसिएशन ने उससे पहले यह भी कहा कि दौड़ के प्रशिक्षक (कोच) ने ही रास्ते में पानी न देने को कहा है। मतलब अपनी लापरवाही, मूर्खता और गड़बड़ियों से पल्ला झाड़कर एसोसिएशन लीपापोती कर रही है।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने रवैये पर कायम रहते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि नरसिंह यादव पर डोपिंग के कारण चार साल का प्रतिबंध लगने के लिए साई और नाडा के कुछ जूनियर अधिकारी जिम्मेदार हैं।
खेल मंत्रालय ने ओलंपिक धाविका ओपी जैशा उन आरोपों की जांच के लिये मंगलवार को दो सदस्यीय समिति गठित की है। जैशा ने रियो ओलंपिक में दौड़ के दौरान अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। जैशा ने कहा था कि वह स्पर्धा के दौरान मर भी सकती थी।
रियो ओलंपिक से लौटी भारतीय एथलीट सुधा सिंह को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रियो दि जिनेरियो से लौटने के बाद उनका बेंग्लुरू के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनके जीका वायरस से पीडि़त होने का संदेह है।
ब्राजील के रियो में 31 वें आेलंपिक खेलों का रंगारंग समापन हुआ। समारोह ऐतिहासिक मारकाना स्टेडियम में हुआ। भारत एक कांस्य और एक रजत पदक के साथ 67वें स्थान पर रहा, जबकि सबसे अधिक 121 पदक के साथ अमेरिका शीर्ष पर रहा।
भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने रियो ओलंपिक में महिला मैराथन स्पर्धा को याद करते हुए कहा कि मैं वहां मर सकती थी क्योंकि उन्हें अधिकारियों द्वारा पानी और एनर्जी डिंक मुहैया नहीं कराया गया जबकि भारत को निर्धारित स्टेशन दिये गये थे।
रियो ओलंपिक में भारत को अभी तक कांस्य और रजत की कामयाबी हासिल हुई है। पहलवान योगेश्वर दत्त रविवार शाम को क्या देश को सुनहरी कामयाबी दिला पाएंगे। इस पर समूचे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।
रियो में भारत की आखिरी उम्मीद पहलवान योगेश्वर दत्त से थी, जिनका मुकाबला 65 किग्रा भारवर्ग के क्वालिफाइंग राउंड में मंगोलिया के पहलवान मंदाखनारन गैंजोरिग से हुआ और गैंजोरिंग ने उन्हें 0-3 से हरा दिया। इस तरह रियो में भारत की आखिरी उम्मीद टूट गई। देश को ओलंपिक में दो पदक महिला शक्ति की वजह से मिले।