अंगकोर से आगे हो भारत-कंबोडिया संबंधों की तलाश
कंबोडिया सरकार के अंगकोर सलाहकार प्रो. सच्चिदानंद सहाय खमेर इतिहास में टूटी हुई कड़ियों को जोड़ना चाहते हैं। वह यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में इस बारे में एक व्याख्यान के सिलसिले में आए थे। उन्होंने कहा, दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया को विभिन्न महाद्वीपों में उसके प्राचीनतम अंगकोर मंदिरों के लिए जाना जाता है। वास्तुकला के मामले में यह मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु के पल्लव और चोल मंदिरो के समान है लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक पहलू है।