मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी मेधा पाटकर को अस्पताल ले जाने के लिए पुलिस को ‘कील लगे डंडे’ के साथ भेजने के आरोप लग रहे हैं।
करीब एक घंटे चले पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने बल प्रयोग के साथ मेधा पाटकर और अन्य साथियो को उठाकर एंबुलेंस में सवार कर दिया। मेधा पाटकर को ले जाने के बाद अनशनकारी और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने गिरफ्तारी दी।
सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए चिखल्दा गांव में उपवास पर बैठी ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की पैरोकार मेधा पाटकर ने सरकार से बातचीत की इच्छा जताई है।
दुनिया के सबसे ताकतवर रेडियो दूरदर्शी का इस्तेमाल करते हुए खगोलविदों ने करीब 208 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक पुराने और खत्म हो रहे तारे का अवलोकन किया, जिससे इस बात को समझने में मदद मिल सकती है कि कुछ अरब वर्षों बाद पृथ्वी कैसे खत्म होगी।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने मन की बात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। पीएम मोदी आकाशवाणी के माध्यम से देशवासियों से ‘मन की बात' करते हैं। मेधा का कहना है कि पीएम मोदी ‘मन’ की नहीं ‘मनमानी बात’ करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ केवल गुजरात और कुछ बड़े औद्योगिक घरानों के लिए है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की मुख्य कर्ता पर्यावरणविद मेधा पाटकर ने कहा है कि गुजरात में अदानी व अंबानी की कंपनियों को पानी देने के लिए सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बात की चिंता नहीं है कि इससे कितने गांव और परिवार डूबने वाले हैं। नर्मदा नदी के दोहन पर भी उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। मेधा ने कहा हैै कि कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नर्मदा नदी को वेश्या बना दिया गया है।
महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी को शांति को बढ़ावा देने, एकता, संस्कृति, शिक्षा और विकास में उनके योगदान के लिए फ्रांस के शीर्ष सम्मानों में से एक द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स से नवाजा गया है।
बुंदेलखण्ड के महोबा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की मांग को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए इस क्षेत्र मुसलमानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संस्कृत में पत्र लिखने की मुहिम शुरू की है।
मशहूर ऐक्टिविस्ट नेता मेधा पाटकर और स्वामी अग्निवेश समेत कई लोग भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के ख़िलाफ़ दिल्ली कूच करेंगे। भूमि अध्यादेश संबंधी 2013 के कानून में बदलाव के खिलाफ 28 फरवरी को हरियाणा के पलवल से दिल्ली तक यह मार्च निकाला जाएगा।